Gangster Aman sahu|Ranchi News| रांची : नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की जांच में बिहार के भागलपुर जिला निवासी बिल्डर सह जमीन कारोबार से जुड़े शंकर यादव और जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू गिरोह के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ है. अनुसंधान में आये नये तथ्यों के आधार पर एनआइए की ओर से यह जानकारी अदालत को भी दी गयी है.
अदालत को बताया गया है कि अमन साहू गिरोह ने रंगदारी में जो पैसे वसूले थे, उसका निवेश शंकर यादव ने आकाश साहू के साथ मिलकर तुपुदाना में एक आवासीय प्रोजेक्ट में किया था. शंकर यादव ने वर्ष 2022-23 में अपने आइटीआर में सिर्फ 44,569 रुपये होने का दावा किया था. जबकि उसके पास से 1.30 करोड़ रुपये नकद मिले थे. इसलिए इस पैसे को एनआइए ने गिरोह द्वारा रंगदारी में वसूला गया पैसा माना है.
दोनों कंपनियों का कार्यालय एक ही स्थान पर
नकद बरामद होने के संबंध में शंकर यादव ने बताया था कि उसे यह पैसे कुछ लोगों ने नकद दिये थे. लेकिन पूछताछ में संबंधित लोगों ने शंकर यादव को नकद देने की बात से इनकार किया है. इसके अलावा शंकर यादव ने अमन साहू के भाई आकाश साहू के नाम पर मेसर्स किरना इंटरप्राइजेज खोला था. वहीं एक अन्य कंपनी ओम साईं कंस्ट्रक्शन खोला था. दोनों कंपनियों का कार्यालय एक ही स्थान पर है. बैंक डिटेल की जांच में दोनों कंपनियों के बीच आपस में ट्रांजेक्शन की पुष्टि हुई है.
एनआइए की ओर से न्यायालय को यह भी बताया गया कि शंकर यादव ने बिरसा मुंडा जेल से कांफ्रेंस कॉल में एक गवाह को भी धमकी दी थी. गवाह को धमकी देते हुए कहा गया था कि वह एनआइए को कुछ नहीं बताये. एनआइए ने गवाह के आवाज की रिकॉर्डिंग के सैंपल को मिलान के लिए सीएफएसएल के पास भेजा है. आकाश साहू के घर से बरामद फॉर्च्यूनर गाड़ी को शंकर यादव ने ही खरीद कर आकाश साहू को दिया था. गाड़ी खरीदने के लिए ओरमांझी के पालू निवासी राज किशोर साहू का रेंट एग्रीमेंट शंकर यादव ने दिया. लेकिन एनआइए की पूछताछ में राज किशोर साहू ने शंकर यादव के साथ किसी प्रकार का रेंट एग्रीमेंट होने की बात से इंकार किया है.
मोबाइल की जांच में भी हुआ खुलासा
उल्लेखनीय है कि अदालत में याचिका दायर कर शंकर यादव ने खुद को निर्दोष बताया था. सीएसएफएल दिल्ली से कराये गये मोबाइल की जांच में भी हुआ खुलासा एनआइए की ओर से न्यायालय को बताया गया है कि शंकर यादव के पास से बरामद मोबाइल को सीएसएफएल दिल्ली के पास जांच के लिए भेजा गया था.
जांच के दौरान पाया गया कि शंकर यादव और गैंगस्टर अमन साहू के भाई आकाश साहू के बीच मोबाइल पर चैट होता था. शंकर यादव के मोबाइल में 15 वर्चुअल नंबर स्टोर मिले हैं. इसमें चार वर्चुअल नंबर जय महाकाल और श्री महाकाल के नाम से थे. इन दोनों वर्चुअल नंबर का प्रयोग अमन साहू और उसके गिरोह के मयंक सिंह द्वारा किया जाता था.