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पेट्रापोल सीमा पर ”मैत्री द्वार” और ”यात्री टर्मिनल भवन” से आयेगी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में उछाल, पहले से तीन गुना ज्यादा यात्री क्षमता

भारत-बांग्लादेश सीमांत स्थित पेट्रापोल लैंड पोर्ट पर आधुनिक सुविधाओं से लैस ‘मैत्री द्वार’ और “यात्री टर्मिनल भवन” के उद्घाटन के बाद अब भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ावा के साथ ही इस सीमा पर पहले से तीन गुना से अधिक यात्रियों की क्षमता होगी. यह भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा अनुभव को सुखद बनाने और खुद को एशिया में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने की ओर बढ़ता कदम दिख रहा है.

बनगांव.

भारत-बांग्लादेश सीमांत स्थित पेट्रापोल लैंड पोर्ट पर आधुनिक सुविधाओं से लैस ‘मैत्री द्वार’ और “यात्री टर्मिनल भवन” के उद्घाटन के बाद अब भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ावा के साथ ही इस सीमा पर पहले से तीन गुना से अधिक यात्रियों की क्षमता होगी. यह भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा अनुभव को सुखद बनाने और खुद को एशिया में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में स्थापित करने की ओर बढ़ता कदम दिख रहा है.

लैंड पोर्ट पेट्रापोल दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा लैंड पोर्ट है और यह भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और वाणिज्य के लिए एक अहम प्रवेश द्वार है. पेट्रापोल (भारत)-बेनापोल (बांग्लादेश) व्यापार और यात्री आवाजाही दोनों के मामले में भारत-बांग्लादेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमि सीमा क्रॉसिंग में से एक है. भारत-बांग्लादेश के बीच करीब 70 प्रतिशत भूमि-आधारित व्यापार (मूल्य के हिसाब से) इसी भूमि बंदरगाह के जरिये होता है. पेट्रापोल लैंड पोर्ट भारत का आठवां सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय आव्रजन बंदरगाह भी है और भारत और बांग्लादेश के बीच सालाना 23.5 लाख से ज़्यादा यात्रियों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन अब इस यात्री टर्मिनल भवन के प्रति दिन 20,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता और एक ही छत के नीचे आव्रजन, सीमा शुल्क और सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध होने से यह यात्रियों की क्षमता करीब सलाना 70 लाख से अधिक होगी.

कोलकाता से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेट्रापोल लैंड पोर्ट पर मैत्री द्वार और आधुनिक यात्री टर्मिनल से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में बढ़ावा और यात्रियों की क्षमता में बढ़ोतरी पर व्यापार संगठन में भी खुशी जतायी है.

क्या है मैत्री द्वार, किस तरह की हैं सुविधाएं :

मैत्री द्वार दोनों देशों द्वारा सहमत जीरो लाइन पर एक संयुक्त कार्गो गेट है. केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गत नौ मई 2023 को ही इसका शिलान्यास किया था. फिर रविवार को उद्घाटन किया. लैंड पोर्ट पेट्रापोल पर प्रति दिन लगभग 600-700 ट्रक आते हैं. दैनिक सीमा पार यातायात की इतनी व्यस्त आवाजाही को देखते हुए एलपीएआइ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मैत्री द्वार नामक एक नया सामान्य दूसरा कार्गो गेट स्थापित किया. कार्गो आवाजाही के लिए इस समर्पित गेट का उद्देश्य दोनों देशों के बीच माल के प्रवाह को आसान और सुव्यवस्थित करना है. मैत्री द्वार की शुरुआत से सीमा पर माल की निकासी में काफी तेजी आने की उम्मीद है, जिससे व्यापार दक्षता में वृद्धि होगी. ये गेट आधुनिक सुविधाओं जैसे एएनपीआर, बूम बैरियर, चेहरे की पहचान करने वाले कैमरे और भारती

आधुनिक सुविधाओं से लैस है यात्री टर्मिनल भवन :

लैंड पोर्ट पेट्रापोल में नया यात्री टर्मिनल भवन, इस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण सुविधा केंद्र है, जो भारत और बांग्लादेश के बीच यात्रा अनुभव को और बेहतर बनायेगा. अपने मजबूत निर्माण और उन्नत तकनीकी प्रणालियों के साथ, ये टर्मिनल सभी उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षा, दक्षता और आरामदायक है. अंतरराष्ट्रीय परिवहन केंद्रों की भव्यता को प्रतिबिंबित करने के लिए डिजाइन किया गया पेट्रापोल स्थित पीटीबी, सभी आधुनिक सुविधाओं, जैसे वीआइपी लाउंज, ड्यूटी फ्री दुकानें, बेसिक मेडिकल सुविधा, शिशु आहार कक्ष, खाद्य और पेय पदार्थ आउटलेट आदि से सुसज्जित है. इससे प्रति दिन 20,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता और एक ही छत के नीचे आव्रजन, सीमा शुल्क और सुरक्षा सेवाएं उपलब्ध होंगी. 59,800 वर्ग मीटर का पर्याप्त निर्मित क्षेत्र है. फ्लैप बैरियर एकीकरण के माध्यम से स्वचालित प्रवेश और निकास प्रणालियों का कार्यान्वयन सुविधा है. य व बांग्लादेशी ट्रकों के लिए पहुंच-नियंत्रित प्रवेश/निकास बिंदु से सुसज्जित हैं. यह कार्गो आवाजाही के लिए एक समर्पित गेट होगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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