Bihar News: कैमूर पहाड़ी क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले वनवासियों को जल्द ही 24 घंटे निर्बाध और स्थायी बिजली आपूर्ति की सौगात मिलेगी. बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव राहुल द्विवेदी ने पहाड़ी पर बसे करीब 132 गांवों में बिजली पहुंचाने की योजना को मंजूरी दे दी है. इसके लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी ने 117.80 करोड़ की लागत से विस्तृत परियोजना तैयार कर बिहार सरकार को सौंपेगा.
21 लाख से अधिक घरों को होगा सीधा फायदा
इन इलाकों में बिजली पहुंचाने के काम को अमलीजामा पहनाने के लिए वन विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र भेज दिया गया है, उम्मीद है कि जल्द ही सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का संकल्प है कि जल्द से जल्द सभी गांवों में बिजली पहुंचे, इस योजना से करीब 132 पहाड़ी गांवों के 21 लाख 6 हजार 44 घरों को सीधा फायदा पहुंचेगा. यह जानकारी चेनारी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक ललन पासवान ने दी. उन्होंने बताया कि कैमूर के उगहनी पावर ग्रिड के जरिए पहाड़ी गांवों में कवर्ड वायर के जरिए स्थाई बिजली पहुंचाई जाएगी, इससे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं होगा.
बिजली आपूर्ति के लिए 2017 में लगाया गया था सोलर ग्रिड
इन इलाकों में बिजली पहुंचाने के लिए बिहार सरकार ने 2017 में कैमूर की पहाड़ियों पर 130 करोड़ रुपए की लागत से सोलर सिस्टम ग्रिड लगाया था और सैकड़ों गांवों में सौर ऊर्जा से बिजली पहुंचाई थी. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी एलएनटी कंपनी को दी गई थी. लेकिन कुछ सालों बाद सब कुछ बंद हो गया और रात के अंधेरे में गुजरना मुश्किल हो गया.
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महीनों से बाधित है बिजली आपूर्ति
रेहल निवासी परीखा यादव, कूबा निवासी रिंकू खान, रामचंद्र यादव, सुदर्शन सिंह, नागा टोली के मनोहर पासवान, सुरेश सिंह आदि ने बताया कि 2017 में जब शौर्य ऊर्जा से पहाड़ी गांवों को पहली बार बिजली मिली तो लगा कि अच्छे दिन आ गए, लेकिन यह भ्रम जल्द ही टूट गया. शौर्य ऊर्जा से संचालित पावर ग्रिड कुछ ही वर्षों में बंद हो गया, जिस कारण गांव में बिजली नहीं है. पहाड़ पर बसे गांव के बच्चों के पढ़ने के लिए रोशनी का यही एकमात्र साधन है. इसके खराब होने पर अधिकारी को सूचना दी जाती है, लेकिन महीनों तक इसकी मरम्मत नहीं होती. फिलहाल नागा टोली में बैटरी खराब होने के कारण करीब चार माह से बिजली आपूर्ति बाधित है.
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क्या कहते है मुखिया
रोहतास गढ़ पंचायत के मुखिया नागेंद्र यादव कहते हैं कि सरकार की पहल सराहनीय है. बिजली के बिना जंगल में रहने वाले लोगों को दुनिया अधूरी लगती है. अगर ऐसा होता है तो पहाड़ के लोगों के लिए यह बड़ी उपलब्धि मानी जाएगी.