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छात्र संवाद में छाया रहा पीजी के परिणाम में गड़बड़ी और पेंडिंग का मुद्दा, विश्वविद्यालय में हंगामा

छात्र संवाद में छाया रहा पीजी के परिणाम में गड़बड़ी और पेंडिंग का मुद्दा, विश्वविद्यालय में हंगामा

पीजी सत्र 2022-24 के परिणाम में फेल और प्रमोटेड होने वाले स्टूडेंट्स ने लगाया गड़बड़ी का आरोप

तीन दिन पहले जारी किया गया है परिणाम, विद्यार्थियाें ने कहा- ठीक से नहीं जांची गयी है कॉपी

मुजफ्फरपुर.

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पुराने अतिथि गृह में सोमवार को छात्र संवाद में पीजी के परिणाम में गड़बड़ी और पेंडिंग का मुद्दा छाया रहा. बड़ी संख्या में पहुंचे पीजी सत्र 2022-24 के छात्र-छात्राओं ने पदाधिकारियों को बताया कि उनकी कॉपियों की जांच ठीक से नहीं की गयी है. इस कारण उन्हें एक-दो नंबर से फेल या प्रमोटेड कर दिया गया है. कुछ छात्रों ने पेंडिंग परिणाम होने की बात कही. कहा कि दूसरे सेमेस्टर में भी इसी प्रकार की गड़बड़ी की गयी थी, जब उनकी ओर से विरोध किया गया और आरटीआइ से कॉपी निकली तो उनके अंक बढ़ गये. कहा कि सत्र नियमित करने के चक्कर में उनके भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है. बार-बार गड़बड़ी हो रही है, इसके बाद भी ऐसे परीक्षकों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है. छात्र संवाद में मौजूद कुलानुशासक डॉ बीएस राय, डीएसडब्ल्यू डॉ आलोक प्रताप सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ सुबालाल पासवान, अतिथि गृह के इंचार्ज डॉ अमर बहादुर शुक्ला ने छात्र-छात्राओं को समझा बुझाकर शांत कराया. इसी बीच स्नातक के परिणाम में कम अंक मिलने की शिकायत लेकर पहुंची छात्राओं ने हंगामा शुरू कर दिया. पदाधिकारियों के समझाने के बाद भी वे मानने को तैयार नहीं थीं. पदाधिकारियों से छात्राओं की तीखी बहस भी हुई. इसके बाद छात्र संवाद को समाप्त कर पदाधिकारी विश्वविद्यालय मुख्यालय चले गये. छात्राएं यहां से परीक्षा विभाग पहुंचे. यहां भी छात्राओं ने काफी देर तक हंगामा किया. कुलसचिव तक भी मामला पहुंचा. छात्राओं का कहना था कि दो बार पूर्व में भी छात्र संवाद में वे अपनी बात रख चुकी हैं. उन्हें बस आश्वासन देकर लौटा दिया जाता है.

विभाग की लापरवाही ऐसी कि कॉपी पर पास छात्रा को कर दिया फेल

आरटीआइ से कॉपी निकाली तो वहां थी पास, दो वर्ष में 20 बाद से अधिक लगा चुकी विभाग का चक्करदो बार छात्र संवाद में भी पहुंची पर अबतक ठीक नहीं हो सका परिणाम, सिस्टम को कोस रही छात्रा

मुजफ्फरपुर. बीआरएबीयू के परीक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में 2020-22 की छात्रा को भुगतना पड़ रहा है. मूल रूप से वैशाली जिले के गोरौल की रहने वाली छात्रा मासुम कुमारी परिणाम जारी होने के बाद दो वर्षों में 20 बार से अधिक विश्वविद्यालय का चक्कर लगा चुकी है, लेकिन परिणाम ठीक होने की जगह हर बार उसे आश्वासन देकर लौटा दिया गया. छात्रा ने बताया कि परीक्षा परिणाम में उसे फेल दिखाया गया. जब उसने विश्वविद्यालय में आकर कहा कि उसने कॉपी में इससे अधिक अंक का सही उत्तर लिखा था. पहले तो उसे डांट कर लौटा दिया गया कि जो अंक मिला वही रहेगा. बाद में कहा गया कि आरटीआइ से कॉपी निकाल कर देखे. जब छात्रा ने कॉपी निकाली तो उसमें उसे 38 अंक मिले हुए थे. इस अनुसार वह उत्तीर्ण थी. आरटीआइ से निकाली गयी कॉपी की प्रति, रिजल्ट में प्रदर्शित हो रहे फेल का स्टेटस और आवेदन लेकर छात्रा फिर से छात्र संवाद में पहुंची थी. एक बार फिर से जब उसे अधिकारियों ने आश्वासन दिया तो उसने नाराजगी व्यक्त की. कहा कि वह सीटीइटी में उत्तीर्ण हो चुका है. पीजी के परिणाम के कारण उसका कॅरियर फंसा हुआ है. छात्रा इसके बाद परीक्षा विभाग पहुंची और परीक्षा नियंत्रक से कहा कि परिणाम ठीक होने तक वह यहां से जायेगी ही नहीं. इसके बाद परीक्षा नियंत्रक ने रात्रि तक परिणाम सुधार होकर अपडेट होने की बात कह छात्रा को वहां से लौटा दिया. छात्र नेता रवि भूषण शुक्ला ने बताया कि इस प्रकार के दर्जनों छात्र प्रतिदिन विश्वविद्यालय में शिकायत लेकर आते हैं. ससमय उनकी समस्या का निदान नहीं हो पाता.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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