रांची : रांची विधानसभा सीट पर सबकी नजर है. भाजपा की सबसे सेफ मानी जानेवाली रांची विधानसभा सीट को लेकर सरगर्मी तेज है. ‘प्रभात खबर’ के न्यूज रूम में भी इस विधानसभा की राजनीतिक तपिश देखी गयी. ‘प्रभात खबर’ के चुनावी संवाद की शृंखला में भाजपा प्रत्याशी सीपी सिंह और झामुमो प्रत्याशी महुआ माजी पहुंचे. तकरार, मुद्दों पर बहस के साथ-साथ राजनीतिक मर्यादा भी दिखी. दोनों प्रत्याशियों ने सवालों के जवाब बड़ी बेबाकी से दिये.
सवाल : छह बार 28 वर्षों से आप रांची के विधायक हैं, तीन बड़े ऐसे काम बतायें, जो जनता याद रखेगी
जवाब : सबसे बड़ा काम तो मेरा यह है कि हमने जनता को यह विश्वास दिलाया है कि उनके लिए मैं 24 घंटा उपलब्ध रहूंगा. अपने 28 सालों के कार्यकाल में हमने तीन नहीं, बल्कि कई काम किये हैं. जिसमें शहर की हर गली तक सड़क और नाली का निर्माण, हर क्षेत्र में पार्क व तालाब का सौंदर्यीकरण और कला-संस्कृति के लिए शहर में रवींद्र भवन का निर्माण कराया. फुटपाथ दुकानदारों को बसाने के लिए विश्वस्तरीय वेंडर मार्केट का निर्माण कराया. लेकिन फिर भी लोग काम पर सवाल खड़ा करते हैं. इसका मतलब साफ है कि जिस पेड़ में फल लगता है. पत्थर भी उसे ही मारा जाता है.
सवाल : 2014 के चुनाव में आप 95 हजार से ज्यादा वोट लाये, 2019 में तो बाल-बाल बचे. 5953 वोट से जीत पाये, महुआ जी तो कड़ी टक्कर दे रहीं हैं? इस बार कितना डर लग रहा है?
जवाब : मैं भगवान के अलावा किसी से नहीं डरता. 2014 में मैं 59 हजार के मार्जिन से जीता था. 2019 में पांच हजार मतों से जीता. मेरी पूरी जिंदगी चुनौती से गुजरी है. इसलिए इस चुनाव में पांच हजार के मार्जिन को बढ़ाकर उसे 50 हजार करने का लक्ष्य है.
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सवाल : बतौर विधायक आपको लगता है कि राजधानी का जितना विकास होना चाहिए, उतना हो पाया. बुनियादी सुविधाएं यहां के लोगों को मिल पायीं
जवाब : देश की कई राजधानियों में घूमा. लेकिन अन्य राज्यों की राजधानी की तरह अपनी रांची नहीं है. इसके कई कारण हैं. लेकिन इसका एक प्रमुख कारण यह है कि राजधानी बनाने के लिए कुछ अप्रिय कार्य करना पड़ता है. जो मैं नहीं करना चाहता. मोनो रेल का प्रस्ताव हमने दिया था. लेकिन केंद्र सरकार ने इसे तकनीकी रूप से सही नहीं बताया. जिस कारण यह खारिज हो गया. लोगों को यह पता हो या न हो. लेकिन थोड़ा पीछे जाने पर पता चलेगा कि रातू रोड फ्लाइओवर भी हमारी ही देन है.
सवाल : 1996 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं. छह बार चुनाव जीत चुके. चुनाव से थके नहीं. कब तक लड़ते रहेंगे. क्या यह आखिरी चुनाव होगा?
जवाब : सक्रिय राजनीति में यह मेरा अंतिम चुनाव है. लेकिन आप लोगों को बता दूं कि अभी मेरी उम्र मात्र 68 साल है. जब नौवीं क्लास का छात्र था, तो उसी समय जनसंघ से जुड़ा था. आज इस संगठन से जुड़े हुए मुझे 50 साल से अधिक हो गये.
सवाल : भाजपा के लोग भी जानना चाहते हैं कि सीपी सिंह के पास कौन सा मंत्र है कि टिकट नहीं कटता. इस बार तो आपकी पार्टी के कई लोगों ने दम लगाया था.
जवाब : मैं टिकट के लिए कहीं नहीं गया. पिछले तीन माह से तो मैं एक बार भी दिल्ली नहीं गया, लेकिन आप सबको बता दूं कि मैं भाजपा का सच्चा सिपाही हूं. शायद इसी का नतीजा है कि पार्टी ने मुझे टिकट दिया.