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Dhanteras 2024 Laxmi Mata Ki Aarti : आज धनतेरस पर लक्ष्मी नारायण योग, लक्ष्मी मां की आरती करने से मिलेगा ये शुभफल

Dhanteras 2024 Laxmi Mata Ki Aarti: आज, 29 अक्टूबर 2024 को, पूरे भारत में धनतेरस का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए विशेष रूप से समर्पित है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि ने समुद्र मंथन के दौरान अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे.

Dhanteras 2024 Laxmi Mata Ki Aarti: आज, 29 अक्तूबर 2024 को, सम्पूर्ण भारत में धनतेरस का उत्सव मनाया जा रहा है. यह दिन भगवान धन्वंतरि की आराधना के लिए समर्पित है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि ने समुद्र मंथन के समय अमृत का कलश लेकर अवतार किया था.

धनतेरस पूजा का शुभ समय

इस वर्ष धनतेरस पूजा का शुभ समय शाम 6:31 से 08:13 बजे तक निर्धारित किया गया है. इस दिन प्रदोष काल में पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है. धनतेरस की पूजा में माता लक्ष्मी जी की आरती का समावेश अवश्य करना चाहिए. यहां धनतेरस आरती के बोल देखें.

बन रहा है विशेष संयोग

इस बार धनतेरस पर ज्योतिषीय गणना के अनुसार 100 वर्षों के बाद एक विशेष संयोग उत्पन्न हो रहा है. इस अवसर पर त्रिग्रही योग, त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग, लक्ष्मी नारायण योग और शश महापुरुष राजयोग सहित कुल पांच शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है.

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लक्ष्मी माता की आरती (Laxmi Mata Ki Aarti)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता.
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता.
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता.
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता.
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता.
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता.
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता.
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता.
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय.

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