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कौन हैं बाबा कार्तिक उरांव, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयंती पर दी श्रद्धांजलि

Kartik Oraon Birth Anniversary: आदिवासियों की जमीन लुटने से बचाने के लिए सबसे पहला आंदोलन कार्तिक उरांव ने ही किया था. उनकी पत्नी सुमति उरांव भी सांसद बनीं.

Kartik Oraon Birth Anniversary|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के एक आदिवासी नेता को श्रद्धांजलि दी है. इस शख्सीयत का नाम है कार्तिक उरांव. वह भारत के जनजातीय समुदाय के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाते हैं. पीएम मोदी ने कार्तिक उरांव की जयंती पर मंगलवार (29 अक्टूबर) को सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

पीएम मोदी ने ट्वीट करके बाबा कार्तिक साहेब को दी श्रद्धांजलि

पीएम मोदी ने कहा है कि वंचितों के कल्याण के लिए बाबा कार्तिक साहेब का अतुलनीय योगदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा. पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘आदिवासी समुदाय के अधिकार और आत्मसम्मान के लिए जीवनपर्यंत समर्पित रहे देश के महान नेता कार्तिक उरांव जी को उनकी जन्म-शताब्दी पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि.’

झारखंड के गुमला जिले में हुआ था कार्तिक उरांव का जन्म

पीएम मोदी ने आगे लिखा, ‘वह (कार्तिक उरांव) जनजातीय समाज के मुखर प्रवक्ता थे, जो आदिवासी संस्कृति और अस्मिता की रक्षा के लिए निरंतर संघर्षरत रहे. वंचितों के कल्याण के लिए उनका अतुलनीय योगदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा.’ झारखंड के गुमला जिले में जन्मे कार्तिक उरांव को बाबा कार्तिक साहेब के नाम से भी जाना जाता है.

3 बार लोकसभा और एक बार विधानसभा के सदस्य बने

उनका जन्म 29 अक्टूबर, 1924 को तत्कालीन बिहार राज्य (अब झारखंड) के गुमला जिले के करौंदा लिटाटोली गांव में हुआ था. 8 दिसंबर 1981 को उनका निधन हो गया. कांग्रेस पार्टी के नेता रहे बाबा कार्तिक उरांव 3 बार लोकसभा के सांसद चुने गए. एक बार बिहार विधानसभा के सदस्य भी बने.

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आदिवासियों की जमीन लुटने से बचाने के लिए किया था आंदोलन

आदिवासियों की जमीन लुटने से बचाने के लिए सबसे पहला आंदोलन कार्तिक उरांव ने ही किया था. उनकी पत्नी सुमति उरांव भी सांसद बनीं. इसके बाद उनकी बेटी गीताश्री उरांव झारखंड विधानसभा की विधायक बनीं. वह झारखंड की शिक्षा मंत्री भी बनीं.

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