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अनुब्रत व काजल शेख में नहीं बन रहा तालमेल

लेकिन उनके साथ पार्टी की जिला कोर कमेटी के सदस्य और जिला परिषद के सभाधिपति काजल शेख का मतभेद बना हुआ है.

तृणमूल की जिला कोर कमेटी की अनुमति के बिना हुए कई विजया मिलन कार्यक्रम किसी भी विजया मिलन में नहीं देखे गये काजल शेख बोलपुर. बीरभूम के दिग्गग तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल उर्फ केष्टो और पार्टी की जिला कोर कमेटी के छह सदस्यों में से एक काजल शेख के बीच तालमेल होता नहीं दिख रहा है. पशु तस्करी व दीगर मामलों में दिल्ली की तिहाड़ जेल से दो साल बाद जमानत पर छूटे अनुब्रत बीरभूम लौट कर ब्लॉक स्तर पर विजया मिलन कर रहे हैं. लेकिन उनके साथ पार्टी की जिला कोर कमेटी के सदस्य और जिला परिषद के सभाधिपति काजल शेख का मतभेद बना हुआ है. इसीलिए तृणमूल मुखिया ममता बनर्जी ने भी जिले में आपसी तालमेल बनाने पर जोर दिया है. लेकिन अनुब्रत व काजल शेख के बीच तालमेल तो दूर की बात, आपसी संबंध की खटास बढ़ती जा रही है. इसका असर पार्टी कोर कमेटी में भी दिखने लगा है. दोनों नेताओं में तालमेल क्यों नहीं बन पा रहा है, यह बड़ा सवाल है. यह भी कि जिला कोर कमेटी के बिना कोई नेता विजया मिलन कैसे कर रहा है. बार-बार पार्टी शेड्यूल क्यों बदला जा रहा है? यह खबर कान तक पहुंचते ही तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने जिला कोर कमेटी की बैठक बुलाने का आदेश दिया है. तृणमूल आलाकमान का निर्देश है कि अनुब्रत को पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाये रखते हुए छह सदस्यीय कोर कमेटी बीरभूम में पार्टी का संगठन चलाये. ऐसा निर्देश जिला कोर कमेटी के एक सदस्य को दिया गया है. अनुब्रत व उनके समर्थक कोर कमेटी की अनुमति के बिना ही जिले के विभिन्न प्रखंडों में एक के बाद एक विजया मिलन में भाग ले रहे हैं. हालांकि हाल में बोलपुर पार्टी कार्यालय में अनुब्रत व काजल शेख के बीच शिष्टाचार भेंट हुई थी. लेकिन उन्हें जिले के किसी भी विजया मिलन में सार्वजनिक रूप से एक साथ मंच पर नहीं देखा गया. इस बार एक कार्यक्रम में प्रदेश नेतृत्व ने हस्तक्षेप किया. उन्हें साथ मिलकर चलने का सख्त संदेश भी दिया गया है. छह सदस्यीय कोर कमेटी में डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी, मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, सभाधिपति काजल शेख, विधायक विकास रायचौधरी, अभिजीत सिंह व सुदीप्त घोष शामिल हैं. हालांकि चुनाव से पहले बीरभूम की सांसद शताब्दी राय और बोलपुर सांसद असीत माल को कोर कमेटी से हटा दिया गया था, लेकिन महत्वपूर्ण यह भी है कि कोर कमेटी ने ना सिर्फ त्रिस्तरीय पंचायत और आम चुनाव में अच्छे नतीजे दिये, बल्कि पुलिस रिपोर्ट में कहा गया कि बीरभूम जिले में चुनाव शांतिपूर्ण रहा. स्वाभाविक रूप से, दुर्गा पूजा से पहले तिहाड़ जेल से जमानत पर लौटने के बाद अनुब्रत मंडल कोर कमेटी को छोड़कर तृणमूल पार्टी चलाने की कोशिश कर रहे है.

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