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hajipur news. बाजारों में उत्साह, रंग-बिरंगी रोशनी से घरों और दुकानों की बढ़ी राैनक

बाजारों में ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए अधिकतर दुकानदारों ने दुकान के बाहर भी दो-तीन स्टॉल लगा रखे थे, ताकि सामान की खरीदारी में ग्राहकों को परेशानी नहीं हो

हाजीपुर.

दीपावली को लेकर शहर के बाजारों में उत्साह का माहौल है. मिठाई, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, फूल-माला, पूजन सामग्री, सजावटी सामान, मिट्टी के दीये, इलेक्ट्रिक बल्व, घरौंदा आदि की दुकानों पर बुधवार को मेले सा नजारा दिखा. आज गुरुवार को रोशनी का त्योहार मनाया जायेगा. शहर से लेकर गांव तक, दीपावली को खास बनाने के लिए जोर-शोर से तैयारियां की गयी हैं. भले ही परंपराओं और रीति-रिवाजों पर आधुनिकता हावी हुई है, पर दीपावली का आकर्षण आज भी पहले की तरह बरकरार है. रंग-बिरंगी लाइटों से घरों और दुकानों की चमक-दमक देखते बन रही है.

बाजारों में ग्राहकों की भीड़ को देखते हुए अधिकतर दुकानदारों ने दुकान के बाहर भी दो-तीन स्टॉल लगा रखे थे, ताकि सामान की खरीदारी में ग्राहकों को परेशानी नहीं हो. दीपावली की तैयारी और खरीदारी को लेकर बुधवार को शहर में लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी. देर रात तक बाजार गुलजार रहा. शहर के राजेंद्र चौक, गुदरी बाजार, सिनेमा रोड, यादव चौक, अनवरपुर चौक, स्टेशन रोड समेत अन्य मार्गों और चौक-चौराहों पर दिन भर जाम लगता रहा. लोगों ने उल्लास और उमंग के साथ छोटी दीपावली मनायी. नगर के सभी मुहल्लों में परंपरा के मुताबिक रात में घरों के बाहर यम के दीये जलाये गये.

शाम 5.36 बजे से लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

दीपावली का पर्व कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनायी जाता है. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि विधि-विधान से लक्ष्मी-गणेश पूजन करने से धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है. जीवन में सुख और समृद्धि आती है तथा यश और कीर्ति का विकास होता है. दीपावली के दिन लक्ष्मी-गणेश पूजन का पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में शाम 5.36 बजे से रात 8.11 बजे तक है. दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न में शाम 6.25 बजे से रात 8.15 बजे तक है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में फूल, अक्षत, नैवेद्य, धूप, दीप के साथ पूजा करने से लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. दीपावली पर घर-आंगन में दीये जलाने की परंपरा है. आचार्य आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि अमावस्या तिथि गुरुवार को 3.52 बजे दिन में शुरू होगी और शुक्रवार को 6.16 बजे शाम में समाप्त होगी. इसमें प्रदोष काल गुरुवार को ही पड़ रहा है. शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में होती है. इसलिए उदया तिथि शुक्रवार की बजाय गुरुवार को ही दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है.

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