संवाददाता,पटना आगामी 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्रीय ट्रेड यूनियन और खेत-मजदूर संगठनों के साथ जिलास्तरीय किसान-मजदूर चेतावनी रैली का आह्वान किया है. बुधवार को पटना के केदार भवन में संयुक्त किसान मोर्चा, बिहार की राज्यस्तरीय बैठक हुई. रामचंद्र महतो और विनोद कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने चौसा के किसान नेता अशोक तिवारी की जघन्य हत्या पर शोक व्यक्त किया और प्रशासन से किसानों के लिए न्याय और सुरक्षा की अपील की. बैठक में 26 नवंबर को किसानों के ऐतिहासिक दिल्ली चलो मार्च और मजदूरों की आम हड़ताल की चौथी वर्षगांठ के अवसर पर देश के पांच सौ जिलों में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और खेत-मजदूर संगठनों के साथ किसान-मजदूर चेतावनी रैली का आह्वान किया. किसान-मजदूर चेतावनी रैली के माध्यम से संयुक्त किसान मोर्चा कृषि के कॉरपोरेटीकरण के खिलाफ किसानों के छह प्रमुख मांगों को उठायेगा. इनमें सभी फसलों की खरीद के साथ सी-2 50% की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लागू हो, किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए एक सर्वसमावेशी ऋण माफी योजना लागू हो, बिजली क्षेत्र के निजीकरण और प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर रोक लगायी जाये, कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफे के लिए अंधाधुंध भूमि अधिग्रहण पर रोक लगाने, फसलों और पशुपालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की व्यापक बीमा योजना लागू करने, 10 हजार मासिक पेंशन लागू करने संबंधी मांग है.
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