Devender Singh Rana Dies: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नगरोटा सीट से विधायक देवेंद्र सिंह राणा का निधन हो गया. वह 59 वर्ष के थे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता के अनुसार, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के भाई देवेंद्र राणा का हरियाणा के फरीदाबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. उनके परिवार में उनकी पत्नी गुंजन राणा, 2 बेटियां देवयानी और केतकी तथा एक बेटा अधिराज सिंह है. राणा के निधन की खबर जैसे ही लोगों को मिली वे जम्मू के गांधीनगर इलाका स्थित उनके आवास पर पहुंचे. उनके आवास पहुंचने वालों में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल थे.
उमर अब्दुल्ला के पूर्व करीबी सहयोगी रह चुके हैं देवेंद्र सिंह राणा
देवेंद्र सिंह राणा की बात करें तो उन्होंने कारोबार से राजनीति में कदम रखा था. वह जम्मू के डोगरा समुदाय की एक सशक्त आवाज माने जाते थे. जम्मू-कश्मीर में कुछ दिन पहले हुए विधानसभा चुनाव में देवेंद्र राणा ने नगरोटा सीट से दोबारा जाती हासिल की थी. उमर अब्दुल्ला के पूर्व करीबी सहयोगी रहे देवेंद्र सिंह ने अक्टूबर 2021 में बीजेपी में शामिल होकर राजनीतिक निष्ठा बदल ली. वे पहले जम्मू और कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) का प्रतिनिधित्व करते थे.
देवेंद्र सिंह राणा “मोदी लहर” को कर चुके हैं फेल
हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में देवेंद्र सिंह राणा ने नगरोटा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जेकेएनसी के जोगिंदर सिंह को 30,472 मतों के बड़े अंतर से पराजित किया. बीजेपी की 2014 की “मोदी लहर” के बावजूद, राणा ने इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के टिकट पर नगरोटा से जीत हासिल की थी.
हमने एक देशभक्त खो दिया: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राणा के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया. उनके कार्यालय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट लिखा. इसमें उन्होंने कहा कि देवेंद्र सिंह राणा का निधन हो जाने से हमने एक देशभक्त और व्यापक रूप से सम्मानित नेता को खो दिया है. वे जम्मू-कश्मीर के लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध थे. आगे उन्होंने लिखा कि मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं…ओम शांति…
देवेंद्र सिंह राणा का जम्मू में था खासा प्रभाव
एक समय में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के भरोसेमंद सहयोगी और मुख्यमंत्री के रूप में अब्दुल्ला के पिछले कार्यकाल के दौरान उनके राजनीतिक सलाहकार रहे राणा का जम्मू में मुसलमानों, विशेषकर गुज्जर समुदाय के बीच काफी प्रभाव नजर आता था. उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) पार्टी के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, जहां वे एक प्रमुख रणनीतिकार और सलाहकार के रूप में प्रमुखता से उभरे और प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में जम्मू में पार्टी का आधार बढ़ाया. उमर अब्दुल्ला के विश्वसनीय सहयोगी के रूप में उन्होंने जम्मू में पार्टी की रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
Read Also : J&K Target Killing : आखिर क्या चाहता है पाकिस्तान? 15 दिनों में 20 की मौत, भड़के फारूक अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस छोड़ बीजेपी में हुए शामिल
देवेंद्र सिंह राणा ने बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले नगरोटा विधानसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने तीन बार सांसद रहे बीजेपी के जुगल किशोर शर्मा को हराकर जीत हासिल की थी. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद राणा जम्मू को राज्य का दर्जा बहाल करने के मुखर समर्थक रहे थे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ दो दशक से अधिक समय तक रहने के बाद देवेंद्र राणा ने साल 2021 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए. जम्मू क्षेत्र में उनकी गहरी जड़ें और स्थानीय समुदायों के साथ घनिष्ठ संबंधों ने उन्हें जम्मू-कश्मीर की राजनीति में, विशेष रूप से भाजपा के लिए एक प्रमुख व्यक्ति बना दिया.
(इनपुट पीटीआई)