गिरियक. शुक्रवार को निर्वाणउत्सव के अवसर पर दिगंबर धर्मालंबियों चांदी के रथ पर भगवान महावीर को विराजमान कर जल मंदिर में लाडू चढ़ाया. जैन श्रद्धालु दिगंबर जैन मंदिर से भगवान महावीर की प्रतिमा को विराजमान कर गाजे-बाजे , ध्वज-पताका के साथ हर्षोल्लासपूर्वक शोभा यात्रा भव्य शोभायात्रा निकाल भगवान महावीर के समक्ष लाडू चढ़ाया. इस दौरान पूरी रात श्रद्धालु निर्वाण जाप करते रहे , निर्वाण जाप के पश्चात अहले सुबह पांच बजे भगवान महावीर की अग्नि संस्कार भूमि जलमन्दिर में दिगम्बर धर्मालंबियों ने 51 किलो का महापरिनिर्वाण लाडू चढ़ाया. दिगंबर परंपरा के अनुसार स्वर्ण ,रजत एवं रत्न लाडू चढ़ाने की परंपरा है. निर्माण लाडू चढ़ाने की परंपरा उच्च बोली लगाने वालों की रही है. इस बार प्रथम निर्वाण लाडू की बोली पांच लाख 51 हजार राशि की बोली बरखा जैन, राजेश जैन मुंबई निवासी ने लगाई. द्वितीय बोली निलेश जैन देवास ने लगाई जबकि विपिन दास जी सांवला ने तीसरी बाली लगाई. भव्य शोभायात्रा के दौरान जैन श्रद्धालु श्रद्धालु मुकुट, माला पहनकर गाजे-बाजे के साथ रथ पर सवार होकर भगवान महावीर के दिव्य संदेश, सत्य-अहिंसा, जियो और जीने दो जैसे अमर संदेश का जयघोष करते हुये पूरे भक्ति-भाव पूर्वक झूमते-नाचते भजन गाते भगवान महावीर स्वामी की निर्वाण भूमि जलमंदिर पहुंचे. जहां हर्षोल्लास पूर्वक महाआरती का आयोजन हुआ. इस अवसर पर श्रद्धालु ने धार्मिक क्रियायें करते हुये मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक , पंचामृत अभिषेक एव शांतिधारा किया। इस दौरान जैन श्रद्धालु पारंपरिक वस्त्र में भगवान महावीर को जल , चंदन , दुग्ध , दही , घृत , इच्छु रस , सर्वोसधी रस आदि अन्य प्रकार के रसो से भगवान का महमस्तकाभिषेक अभिषेक किया. पूजा-अर्चना के दौरान जलमंदिर भगवान महावीर के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहा इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने 51 किलो का लाडू चढ़ाया .इधर निर्वाण महोत्सव में पांडुक शिला में भी पूजन कर लाडू चढ़ाया गया. इस मौके पर सभी मंदिरों में मंगल आरती शास्त्र प्रवचन विपुलाचल पर्वत पर अभिषेक पूजन का कार्यक्रम किया गया. निर्वाण महोत्सव के मौके पर देश के झारखण्ड, मुम्बई, गुजरात, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली कर्नाटका सहित विभिन्न राज्यों के कोने-कोने से काफी संख्या में जैन समुदाय के लोग पहुंचे थे। इस मौके पर मंदिर प्रबंधक अरुण जैन, जगदीश जैन, गीतम मिश्रा, सहित जैन कोठी दिगंबर और श्वेताम्बर के लोगों ने जिला एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.
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