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बिना आधार सीडिंग विद्यार्थियाें को नहीं मिलेगा सरकारी योजना का लाभ

बिना आधार सीडिंग विद्यार्थियाें को नहीं मिलेगा सरकारी योजना का लाभ

-आधार कार्ड निर्माण के लिए प्रखंड स्तर पर दो-दो स्कूलाें में बनाया गया है केंद्र-जिले में एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का नहीं बना है आधारमुजफ्फरपुर. बिना आधार सीडिंग अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे किसी प्रकार की योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे. शिक्षा विभाग के स्तर से आधार सीडिंग को अनिवार्य कर दिया गया है. माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह ने डीएम को भेजे गये पत्र में कहा है कि सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को विभिन्न सरकारी योजनाओं की राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे खाते में भेजी जाती है. ऐसे में कई बार पत्र के माध्यम से डीबीटी अनिवार्य रूप से कराने को कहा गया है. इसके बाद भी बड़ी संख्या में विद्यार्थियों का खाता आधार से सीडेड नहीं है. आधार कार्ड निर्माण के लिए प्रत्येक प्रखंड में दाे-दो स्कूलों में आधार कार्ड निर्माण के लिए केंद्र बनाया गया. साथ ही बैंक खाते को आधार कार्ड से सीडिंग कराने को कहा गया. इसके बाद भी जिले में एक लाख से अधिक ऐसे स्टूडेंट्स हैं. जिन्होंने अबतक या तो आधार कार्ड ही नहीं बनवाया है या आधार कार्ड को बैंक खाता से सीडिंग नहीं कराया है. कहा गया है कि सभी प्रधानाध्यापकों के माध्यम से शत प्रतिशत बच्चों का आधार निर्माण और खाता से सीडिंग कराना सुनिश्चित करें.

निजी स्कूलों का निबंधन अनिवार्य, दोहरे नामांकन पर कसेगा शिकंजा

शिक्षा विभाग ने दोहरे नामांकन पर शिकंजा कसने के लिए सभी निजी स्कूलों का निबंधन अनिवार्य कर दिया है. विभाग के संज्ञान में आया है कि बड़ी संख्या में अब भी ऐसे स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने सरकारी स्कूल में भी दाखिला ले रखा है और वे निजी स्कूल में भी नामांकित हैं. सरकारी स्कूल में अवैध तरीके से उन्हें योजनाओं का लाभ दिया जाता है. ऐसे में निजी स्कूलों का निबंधन और इसके बाद नामांकित विद्यार्थियों का आधार सीडेड डाटा पोर्टल पर अपलोड करना होगा. एक आधार नंबर से दो छात्र जैसे ही मिलेंगे. उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा. निबंधन और डाटा को ऑनलाइन करने के उद्देश्य से विभाग की ओर से कार्यशाला आयोजित कर निजी स्कूलों को जानकारी भी दी गयी है.

शिक्षक, विद्यार्थी व आधारभूत संरचना की जानकारी देने में लापरवाही

सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शिक्षक, विद्यार्थी और आधारभूत संरचना की जानकारी देनी होगी. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी लगातार लापरवाही बरती जा रही है. डीइओ ने इसको लेकर निर्देश दिया है. कहा है कि जिले के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में नामांकित छात्र-छात्राओं के डाटा की प्रविष्टि यूडायस के तहत स्टूडेंट प्रोफाइल माड्यूल के तहत करायी जायेगी. साथ ही पिछले वर्ष नामांकित बच्चों के आंकड़ों की प्रविष्टि को वर्तमान वर्ष के अनुसार प्रमोशन किया जाएगा. विद्यालय में उपलब्ध कमरों की संख्या, पेयजल, शौचालय, चाहरदीवारी, रैंप, नामांकित बच्चों की संख्या, दिव्यांग बच्चों की संख्या, शिक्षक समेत अन्य जानकारी भी यू डायस में मांगी गयी है.

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