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बीरभूम में 15 सदस्यों को लेकर बनायी जाये तृणमूल कांग्रेस की कोर कमेटी : अनुब्रत मंडल

अनुब्रत मंडल ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि बीरभूम जिले की तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी में छह नहीं बल्कि 15 प्रतिनिधि होने चाहिए.

कहा- कमेटी में सभी स्तरों के नहीं हैं प्रतिनिधि पार्टी सुप्रीमो से करेंगे बात

बोलपुर. गौ तस्करी मामले में तिहाड़ जेल से दो वर्ष बाद जमानत पर रिहा होकर बीरभूम लौटे तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल शुक्रवार को अपने एक बयान के बाद फिर से चर्चा में आ गये है. अनुब्रत मंडल ने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि बीरभूम जिले की तृणमूल कांग्रेस कोर कमेटी में छह नहीं बल्कि 15 प्रतिनिधि होने चाहिए. हर वर्ग और हर स्तर से कम से कम 15 सदस्यों की जरूरत है. तभी जिले में तृणमूल कांग्रेस को और मजबूत किया जा सकेगा.

इस विषय को लेकर अनुब्रत मंडल ने कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री और तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी से कोलकाता में बातचीत करेंगे ताकि इस पर विचार कर कोर कमेटी का विस्तार किया जा सके.अनुब्रत मंडल ने कहा कि कम से कम 15 लोगों की कोर कमेटी बनायी जानी चाहिए. कालीपूजा के दिन उन्होंने पार्टी कार्यालय में बैठकर पार्टी की कोर कमेटी के सदस्यों की संख्या को लेकर योजना बतायी. इस दिन बोलपुर स्थित पार्टी कार्यालय में उनके स्पष्ट शब्द में कहा कि जो कोर कमेटी बनी है, वह बोलपुरमुखी है. यानी बोलपुर महकमा के नेताओं की संख्या इसमें ज्यादा है. इसमें जिले के हर स्थान और हर क्षेत्र के सभी स्तरों के प्रतिनिधि शामिल नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि काली पूजा के बाद वह ममता बनर्जी से कम से कम 15 लोगों की कोर कमेटी बनाने को लेकर बात करेंगे. कोर कमेटी के संयोजक विकास रॉय चौधरी ने कहा कि पार्टी नेता ने इस कमेटी का गठन किया है. पार्टी हित के लिए कोई भी उन्हें सुझाव दे सकता है. पार्टी नेता जिस पर विचार करेंगे और निर्देश देंगे, उसके अनुसार ही सभी आगे बढ़ेंगे. दो वर्ष पहले अनुब्रत मंडल की अनुपस्थिति में ममता बनर्जी ने उन्हें जिला अध्यक्ष रखते हुए छह लोगों की कोर कमेटी बनायी थी. पहले चरण में दो सांसद, बीरभूम की शताब्दी राय और बोलपुर के असित माल कोर कमेटी में थे, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें बाहर कर दिया गया और छह सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया गया.

कोर कमेटी का रहा है अच्छा प्रदर्शन

अनुब्रत मंडल के बगैर पिछले पंचायत और लोकसभा चुनावों में तृणमूल ने अच्छा प्रदर्शन किया था. जानकार यह देखने की प्रतीक्षा कर रहे थे कि कोर कमेटी को अनुब्रत कितना महत्व देते हैं. हालांकि शुरुआत में उन्होंने कोर कमेटी को ज्यादा महत्व नहीं दिया, लेकिन इसका तिरस्कार भी नहीं किया था लेकिन राजनीतिक तौर पर उन्होंने कोर कमेटी के साथ कोई बैठक नहीं की. कमेटी के खिलाफ भी कुछ नहीं कहा. विजया मिलन की दो बैठकों में अनुब्रत मंडल ने लोकसभा और पंचायत चुनाव में अच्छे नतीजों के लिए कोर कमेटी को भी धन्यवाद दिया. लेकिन कोर कमेटी के सदस्यों की कमी और राज्य से कोर कमेटी के साथ बैठक करने के आदेश के चलते अनुब्रत मंडल ने अपनी रणनीति बतायी. छह सदस्यीय कोर कमेटी में आशीष बनर्जी, मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, सभाधिपति काजल शेख, विकास रायचौधरी, अभिजीत सिंह और सुदीप्त घोष शामिल हैं. मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा, विकास रॉय चौधरी, सुदीप्त घोष, ये सभी बोलपुर के निवासी हैं. केवल रामपुरहाट प्रतिनिधि आशीष बनर्जी और लाभपुर प्रतिनिधि विधायक अभिजीत सिंह हैं. हालांकि वह बोलपुर से हैं. वहीं अध्यक्ष काजल शेख नानूर के रहने वाले हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अनुब्रत कोर कमेटी के संदर्भ में जिस योजना की बात कर रहे है, उसमें कई कार्यकर्ता समर्थक उसके पक्ष में हैं. अनुब्रत ने कहा कि पहले 11 लोगों की कोर कमेटी थी. नलहाटी विधायक राजेंद्र सिंह भी वहां से थे. अन्य भी थे. लेकिन राजनीतिक हलकों के मुताबिक, 11 की कोर कमेटी कभी बीरभूम में नहीं थी. माना जा रहा है कि अनुब्रत ने उन्हें समझाया कि वह नलहाटी के विधायक समेत कई अन्य सदस्यों को कोर कमेटी में लाना चाहते हैं. राजनीतिक हलकों के मुताबिक मौजूदा छह सदस्यीय कोर कमेटी के ज्यादातर सदस्यों पर अनुब्रत मंडल का नियंत्रण नहीं है. इसलिए अनुब्रत इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि क्या टीम में उनका प्रभाव पहले जैसा रहेगा. इसलिए वह जिले में हर जगह प्रतिनिधि रखने के नाम पर अपने समर्थकों को कोर कमेटी में लाना चाहते हैं. अब तक, अनुब्रत मंडल बोलपुर की ओर से टीम का नेतृत्व कर रहे थे. अब तक बोलपुर विभिन्न स्तरों पर टीम में शीर्ष पर रही है. पार्टी मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा. कोर कमेटी के संयोजक विकास रॉयचौधरी, प्रलय नाइक प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष हैं. यहां तक कि आइएनटीटीयूसी के पूर्व अध्यक्ष भी बोलपुर से थे. उस मामले में, जब पार्टी का प्रबंधन अनुब्रत मंडल द्वारा किया जा रहा था, तब भी बोलपुर के खिलाफ यह शिकायत की गयी थी, उन्होंने इसे खारिज कर दिया था. अब वह इस कोर कमेटी को कम से कम 15 लोगों तक बढ़ाने की योजना क्यों बना रहे हैं, इसपर सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, काली पूजा के दिन से अनुब्रत मंडल ने पहले की तरह जिले में प्रभाव फैलाना शुरू कर दिया है. जिसे लेकर चर्चा शुरू हो गयी है.

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