BPSC Success Story: कहते हैं कि जुनून उम्र नहीं देखती, अगर एक इंसान ये ठान ले कि उसे जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना है तो वह अपनी आखिरी सांस तक प्रयास करना नहीं छोड़ता. आज हम आपको बताएंगे ऐसी ही एक कहानी बिहार के समस्तीपुर की रहने वाली प्रभावती कुमारी के बारे में जिन्होंने अपने तीन बच्चों और घर को संभालते हुए भी अपनी मेहनत से बीपीएससी की परीक्षा पास कर ली, इनकी कहानी सचमुच किसी चमकत्कार से कम नहीं है. ऐसे में जानें उनके संघर्ष का सफर और उनकी बेहद ही अनोखी कहानी.
परिवार की जिम्मेदारियों के साथ जारी रखी पढ़ाई
प्रभावती एक शादीशुदा महिला हैं और उनके 3 बच्चे हैं, वह अपने तीनों बच्चों को भी संभालती थी, अपने घर के सारे कामकाज भी खुद करती थी और इसके अलावा वह अपने पढ़ाई के लिए भी समय निकालती थी. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान ये बताया था कि घर के कामकाज में व्यस्त होने के कारण अक्सर उन्हें दिन में पढ़ाई करने का ज्यादा समय नहीं मिल पाता था इसलिए वह रात में 1 बजे तक पढ़ती थी और फिर सुबह के 4 बजे ही उठकर पढ़ने लगती थी, कई सालों से वह बस इतने ही समय की नींद ले रही थी. बता दें, कि घर को संभालने के अलावा प्रभावती खुद भी गांव के विद्यालय में पढ़ाने भी जाती थी और वापस लौटकर अपने बच्चों को पढ़ती थी और साथ ही घर के काम काज भी करती थी.
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कुछ ऐसा रहा प्रभावती के पढ़ाई का सफर
बता दें, कि प्रभावती बिहार के समस्तीपुर जिले के एक छोटे से गांव चकसाहो की रहने वाली हैं. उनके पढ़ाई के सफर की बात करें तो वह पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएट हैं. वह साल 2003 से अपने गांव के विद्यालय में पंचायत शिक्षिका के पद पर काम कर रही हैं. उन्होंने अपनी सफलता के पीछे का श्रेय अपने परिवार को दिया है, खास कर उन्होंने एक इंटरव्यू में यह बताया था कि उनके पति का उनके करियर में एक बड़ा समर्थन रहा है.