Jharkhand Chunav: झारखंड राज्य के गठन के बाद अब तक हुए चुनावों में कई ऐसी सीटें हैं, जिस पर भारतीय जनता पार्टी को कभी हार का मुंह नहीं देखना पड़ा. ये सभी सीटें दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल में हैं. इनमें कुछ सीटें तो ऐसी हैं, जिस पर उसने अब तक अपना उम्मीदवार भी नहीं बदला. हालांकि, एक सीट पर बारी-बारी से 3 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा.
भाजपा का किला बन चुकी हैं रांची, खूंटी की ये विधानसभा सीटें
भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माने जाने वाले इन विधानसभा क्षेत्रों में एक अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है, तो एक अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए. एक सीट सामान्य श्रेणी की है. इनमें से 2 विधानसभा सीट रांची जिले की हैं, जबकि एक सीट पड़ोसी जिले खूंटी की है. इलेक्शन कमीशन के रिकॉर्ड भी इसकी तस्दीक करते हैं.
रांची विधानसभा सीट से लगातार जीत रहे हैं सीपी सिंह
रांची विधानसभा सीट पर भाजपा के चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह (सीपी सिंह) लगातार जीत रहे हैं. इस सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने अब तक जीत का स्वाद नहीं चखा है. हालांकि, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो की महिला नेता महुआ माजी ने सीपी सिंह को कड़ी टक्कर दी, लेकिन वह चुनाव जीत नहीं पाईं. एक बार फिर वह सीपी सिंह के खिलाफ मैदान में हैं.
कांके (एससी) विधानसभा में बदलते रहे प्रत्याशी, जीतती रही भाजपा
रांची की तरह ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कांके विधानसभा सीट पर भाजपा को लगातार जीत मिलती रही है. हां, उसने अपने उम्मीदवार यहां से जरूर बदले हैं. पिछले 4 चुनावों की बात करें, तो वर्ष 2005 और वर्ष 2009 में भाजपा ने इस सीट पर रामचंद्र बैठा को अपना उम्मीदवार बनाया था. वर्ष 2014 में पार्टी ने डॉ जीतू चरण राम को टिकट दिया. वर्ष 2019 में उनकी जगह समरी लाल को मैदान में उतारा गया. अब वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर डॉ जीतू चरण राम को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है.
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खूंटी (एसटी) विधानसभा से लगातार जीत रहे नीलकंठ सिंह मुंडा
राजधानी रांची से सटे खूंटी जिले की खूंटी (एसटी) विधानसभा सीट पर भी भाजपा लंबे समय से जीत रही है. नीलकंठ सिंह मुंडा लगातार विधायक निर्वाचित हो रहे हैं. वर्ष 2005 में उन्होंने कांग्रेस के रोशन कुमार सुरीन को हराया था. वर्ष 2009 में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के मसी चरण मुंडा को हराया. वर्ष 2014 में झामुमो के जिदान होरो को और वर्ष 2019 में झामुमो के सुशील पाहन को हराया था.
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