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Darbhanga News: शहर के चेहरे पर बदनुमा दाग बना ऐतिहासिक हराही तालाब

Darbhanga News:पानी इस कदर गंदा हो गया है कि सतह के ऊपर बदबूदार मोटी गंदगी की परत तैरती रहती है.

Darbhanga News: दरभंगा. शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाला ऐतिहासिक हराही तालाब इन दिनों बदनुमा धब्बा बनकर रहा गया है. पानी इस कदर गंदा हो गया है कि सतह के ऊपर बदबूदार मोटी गंदगी की परत तैरती रहती है. इस गंदगी से दमघोंटू दुर्गंध उठता रहता है, जिससे तालाब किनारे से गुजरने पर उबकाई आने लगती है. तालाब किनारे रहने वाले स्थानीय लोग एवं व्यवसायी हवा के साथ इस गंदगी की परत को अपने किनारे नहीं आने की दुआ मांगते रहते हैं. ताजुब्ब की बात यह है कि इस तालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर बड़ी-बड़ी बातें तो की जाती है, लेकिन इस समस्या के स्थायी निदान की परिणामदायी पहल धरातल पर नहीं की जाती. लिहाजा जिस विशाल जलाशय के निर्मल पानी को लोग पहले घंटों निहारते रहते थे, उस तालाब की ओर से गुजरना भी बंद कर दिया है. ऐतिहासिक प्रसंगों को अपने गर्भ में समेटकर रखने वाले हराही तालाब इस कदर गंदा हो गया है कि सफाई किये जाने के चंद घंटे बाद ही पुरानी स्थिति बन जाती है. बता दें कि अवसर विशेष पर नगर निगम प्रशासन पानी के सतह पर जमी गंदगी की परत की सफाई तो करता है, लेकिन किनारे में जमा इस गंदगी को छानकर निकालने के कुछ देर बाद ही फिर से परत जमा हो जाता है. हरे रंग की यह परत हवा की दिशा के अनुसार एक किनारे से दूसरे किनारे जमा होता रहता है. अजीब सड़ांध के कारण इसके बगल से गुजरना मुश्किल होता है. इसकी वजह हराही तालाब की पूरी तरह सफाई नहीं होने तथा अगल-बगल से गंदा पानी का इसमें प्रवेश बताया जाता है. हाल ही में रेलवे पर गंदा पानी इस तालाब में गिराये जाने को लेकर जुर्माना भी लगाया गया है. वैसे नगर निगम के कई नालों का पानी भी इस तालाब में गिरता है. बताया तो यह भी जाता है कि किनारे बने कई भवनों के शौचालय का पाइप मिट्टी के नीचे छिपाकर इस तरह लगाया गया है कि पूरी गंदगी तालाब में ही गिरती है. इस मुद्दे पर न तो स्थायी निदान के लिए कोई जनप्रतिनिधि ठोस पहल कर रहे हैं और न ही जिला अथवा नगर निगम प्रशासन ही संजीदा है. बस सफाई की खानापूरी कर विभिन्न प्लेटफार्म के माध्यम से अपने काम को प्रचारित भर करता है. उल्लेखनीय है कि आने वाले सात-आठ नवंबर को इस तालाब में सैकड़ों परिवार छठ करेंगे. पानी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए व्रतियों के संक्रमित होने का पूरा खतरा नजर आ रहा है. पता नहीं इस ऐतिहासिक तालाब की किस्मत कब करवट लेगी.

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