Bihar Politics: बिहार में राजद के चार लाख एक्टिव नेताओं का डाटा लीक हो गया है. उनके नाम, पता, उम्र, मोबाइल नंबर, राजनीति का कार्यक्षेत्र समेत पूरा पर्सनल इनफॉर्मेशन लीक हो गया है. पार्टी के सभी नेता परेशान हैं. सभी पता लगाने में जुटे हैं कि किसने, क्यों, किस एवज में ऐसा किया है. राजद नेता तेजस्वी यादव इस मामले पर आला नेताओं को निर्देश भी दे चुके हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजद के करीब 4 लाख सक्रिय सदस्यों का पूरा डाटा कार्यालय के कंप्यूटर में फीड है. इसमें राज्य के सभी पंचायत के नेताओं की पूरी जानकारी रखी गई है. लेकिन, ऐसा कहा जा रहा है कि पूरा डाटा जनसुराज पार्टी के मैनेजरों के पास पहुंच गया है.
ऐसे में ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि, प्रदेश कार्यालय में कंप्यूटर चलाने वाले डाटा इंट्री ऑपरेटर, सोशल मीडिया प्रभारी या मुख्यालय प्रभारी किससे यह डाटा लीक हुआ है. सभी के आंतरिक संपर्कों को खंगाला जा रहा है.
पार्टी ने शुरू की डाटा लीक की जांच
प्रदेश कार्यालय और तेजस्वी के पुराने सरकारी कार्यालय 5 देशरत्न मार्ग में कहां से और किसने डाटा लीक किया है. इसकी युद्ध स्तर पर जांच की जा रही है. कैसे और किन शर्तों पर लीक हुआ ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है. पार्टी के अंदर यह मामला गंभीर बना हुआ है. कोई नेता इस विषय पर सार्वजनिक रूप से बोलने को तैयार नहीं है. अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होना है. यह देखते हुए राजद नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. साथ ही अनौपचारिक रूप से जांच शुरू कर दी है.
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इन जिलों से ज्यादा शिकायत
मिली जानकारी के अनुसार, राजद नेताओं के मोबाइल नंबर पर उनके पूरे पते, उम्र समेत पूरी जानकारी के साथ जनसुराज पार्टी की तरफ से फोन आ रहा है. जब अधिकतर राजद नेताओं के पास कॉल आने लगा तब उनको ‘डाटा लीक’ की भनक लगी. पटना, समस्तीपुर, भागलपुर, आरा, अररिया समेत अन्य जिलों से राजद नेतृत्व को उसके नेताओं से लगातार यह शिकायत मिल रही है. उन्हें जनसुराज की तरफ से कई बड़े ऑफर आ रहे हैं.
जगदानंद ने पहले ही कर दिया था अलर्ट
जन सुराज पार्टी की स्थापना के पहले ही प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह राजद के नेता-कार्यकर्ताओं द्वारा जन सुराज पार्टी में शामिल होने को चिंता का विषय बताया था. उन्होंने राजद नेताओं से स्पष्ट रूप से अपील की थी कि बहकावे में न आएं. जन सुराज में सदस्य और सहयोगी नहीं बने, दल विरोधी काम न करें.
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