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Bihar Weather: छठ से पहले मौसम का बदला मिजाज, घने कोहरे की चादर में ढाका बिहार का ये शहर

Bihar Weather: छठ से पहले मौसम ने एक बार फिर अपना मिजाज बदला है. रविवार को जमुई जिले में घने कोहरे की चादर बिछी रही, जिससे दृश्यता में भारी कमी देखी गयी. रविवार की सुबह घने कोहरे के कारण जिले में अंधेरा छाया रहा.

Bihar Weather: जमुई. दीपावली के बाद बिहार में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं. दिवाली से पहले साइक्लोन डाना के असर से जिले में बारिश हुई थी, लेकिन अब छठ से पहले मौसम ने एक बार फिर अपना मिजाज बदला है. रविवार को जमुई जिले में घने कोहरे की चादर बिछी रही, जिससे दृश्यता में भारी कमी देखी गयी. रविवार की सुबह घने कोहरे के कारण जिले में अंधेरा छाया रहा. दिन चढ़ने के बाद उम्मीद थी कि धूप निकलेगी और कोहरा कम हो जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

घने कोहरे की चादर में ढाका

कोहरे की वजह से सुबह के वक्त दृश्यता 50 मीटर से भी कम रही, जो कि 10 बजे तक 100 मीटर तक ही पहुंच सकी. हालांकि, इस मौसम के बदलाव का असर तापमान पर खास नहीं पड़ा. रविवार को जमुई जिले का तापमान पिछले कुछ दिनों की तरह ही सामान्य रहा. रविवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. मौसम विभाग के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में भी तापमान में कोई खास बदलाव की उम्मीद नहीं है. छठ के दौरान भी अधिकतम तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20 से 22 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा.

किसान गेहूं व चना के लिये खेत करें तैयार, मौसम अनुकूल

धान की कटाई के बाद किसान रबी की खेती में जुट गये हैं. कई फसलों के लिए मौसम अनुकूल बताया जा रहा है. इधर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने रबी फसलों की बोआई को लेकर जरूरी सुझाव दिये हैं. उन्होंने कहा है कि किसान गेहूं व चना की बोआई के लिए खेत की तैयारी करें. खेत के आसपास की मेड़, नालियों व रास्तों में उगे जंगलों की सफाई करें. गोबर की सड़ी खाद 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पूरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेड़कर फिर जुताई करें. किसान राई, सूर्यमुखी, लहसुन, शरदकालीन गन्ना, मटर, राजमा की बोआई प्राथमिकता के साथ करें. क्योंकि इस साल मौसम पूरी तरह अनुकूल है.

बोआई को लेकर जरूरी सुझाव

उत्तर बिहार के लिए सूर्यमुखी की उन्नत संकुल प्रभेद मोरडेन, सूर्या, सीओ-1 तथा पैराडेविक तथा संकर प्रभेद के लिए बीएसएस-1, केबीएसएच-1, केबीएसएच-44, एमएसएफएच-1, एमएसएफएच-8 तथा एमएसएफएच-17 अनुशंसित है. संकर किस्मों के लिए बीज दर पांच किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा संकुल किस्मों के लिए आठ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें. बोआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को दो ग्राम थीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित करें. धनियां के लिए राजेन्द्र स्वाती, पंत हरितिमा, कुमारगंज सेलेक्शन, हिसार आनंद किस्में अनुशंसित है.

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पंक्ति में लगाने के लिए बीज दर 18 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दूरी 30 गुणा 20 सेमी रखें. बीज को 2.5 ग्राम बाविस्टीन प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. अच्छे जमाव के लिए बीज को दरड़ कर दो भागों में विभाजित कर बोआई करें. लहसुन के लिए गोदावरी, श्वेता, एग्रीफाउंड डार्करेड, एग्रीफाउंड व्हाईट, एग्रीफाउंड पार्वती, जुमना सफेद-2, जमुना सफेद-3, जमुना सफेद-4, आएसयू किस्में अनुशंसित हैं. मटर के लिए रचना, मालवीय मटर-15, अपर्णा, हरभजन, पूसा प्रभात, वीऐल-42 किस्में अनुशंसित है.

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