समस्तीपुर : धान की कटाई के बाद किसान रबी की खेती में जुट गये हैं. कई फसलों के लिए मौसम अनुकूल बताया जा रहा है. इधर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय ने रबी फसलों की बोआई को लेकर जरूरी सुझाव दिये हैं. कहा गया है कि किसान गेहूं व चना की बोआई के लिए खेत की तैयारी करें. खेत के आसपास की मेड़, नालियों व रास्तों में उगे जंगलों की सफाई करें. गोबर की सड़ी खाद 150 से 200 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पूरे खेत में अच्छी प्रकार बिखेड़कर फिर जुताई करें. किसान राई, सूर्यमुखी, लहसुन, शरदकालीन गन्ना, मटर, राजमा की बोआई प्राथमिकता के साथ करें. मौसम पूरी तरह अनुकूल है. सूर्यमुखी की बोआई के लिए खेत की जुताई में 30 से 40 किलोग्राम नेत्रजन, 80 से 90 किलोग्राम फॉस्फोरस व 40 किलोग्राम पोटाश व्यवहार करें. उत्तर बिहार के लिए सूर्यमुखी की उन्नत संकुल प्रभेद माेरडेन, सूर्या, सीओ-1 तथा पैराडेविक तथा संकर प्रभेद के लिए बीएसएस-1, केबीएसएच-1, केबीएसएच-44, एमएसएफएच-1, एमएसएफएच-8 तथा एमएसएफएच-17 अनुशंसित है. संकर किस्मों के लिए बीज दर पांच किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा संकुल किस्मों के लिए आठ किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखें. बोआई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को दो ग्राम थीरम या कैप्टाफ दवा से उपचारित करें.
धनियां में राजेन्द्र स्वाति लगाएं
धनियां के लिए राजेन्द्र स्वाति, पंत हरितिमा, कुमारगंज सेलेक्शन, हिसार आनंद किस्में अनुशंसित है. पंक्ति में लगाने के लिए बीज दर 18 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा लगाने की दूरी 30 गुणा 20 सेमी रखें. बीज को 2.5 ग्राम बाविस्टीन प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. अच्छे जमाव के लिए बीज को दरड़ कर दो भागों में विभाजित कर बोआई करें. लहसुन के लिए गोदावरी, श्वेता, एग्रीफाउंड डार्करेड, एग्रीफाउंड व्हाईट, एग्रीफाउंड पार्वती, जुमना सफेद-2, जमुना सफेद-3, जमुना सफेद-4, आएसयू किस्में अनुशंसित हैं. मटर के लिए रचना, मालवीय मटर-15, अपर्णा, हरभजन, पूसा प्रभात, वीऐल-42 किस्में अनुशंसित है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है