Chhath Puja 2024: राजगंज (धनबाद), सुबोध चौरसिया-नेम-निष्ठा और लोकआस्था का महापर्व छठ सामाजिक समरसता एवं एकजुटता का प्रतीक है. इसके कई अनोखे रंग देखने को मिलते हैं. इसका जीता-जागता उदाहरण है धनबाद का लुसाडीह गांव. इस गांव में सामूहिक छठ पूजा की परंपरा दो सौ साल पुरानी है. अयोध्या प्रसाद चौधरी के आंगन में वर्षों से सामूहिक छठ पूजा धूमधाम से हो रही है. पूजा की तैयारी से लेकर संपन्न होने तक इस गांव में सेवा, सहयोग के साथ-साथ आपसी भाईचारा देखते ही बनता है. भेदभाव या ऊंच-नीच का भाव कहीं नहीं दिखता. लुसाडीह गांव में 70 घर भूमिहार, तीस घर मोहली, 25 घर रजवार, 20 घर तेली महतो, 10 घर रजक, नौ घर चंद्रवंशी, सात घर नापित और दो घर मुखर्जी परिवार हैं. नहाय-खाय के साथ आज से चार दिवसीय छठ की शुरुआत हो रही है.
एक ही घाट पर होता है अर्घ्यदान
यहां एक ही आंगन में छठ पूजा की तैयारी और एक ही घाट बड़काबांध में अर्घ्य दान होता है और पूरा गांव यथाशक्ति मदद करता है. बुजुर्ग कपिल प्रसाद चौधरी बताते हैं कि इस पर्व में गांव की हर जाति के लोग सम्मिलित होते हैं. पिछले 11 वर्षों से गांव की बुजुर्ग महिला अतिका देव्या (पति स्व टिकैत प्रसाद चौधरी) यहां मुख्य व्रती का भार उठा रही हैं. अन्य महिलाएं उपवास रहकर अपनी मन्नत मांगती हैं. गांववालों के सहयोग से पूजा का प्रसाद एक ही जगह बनता है.
सफल बनाने में इनका रहता है योगदान
इस पूजा को सफल बनाने में कपिल प्रसाद चौधरी, अयोध्या चौधरी, सत्यनारायण चौधरी, युधिष्ठिर चौधरी, केदार चौधरी, गोपाल चौधरी, जगेश्वर महली, जीतेंद्र रजक, गोपाल ठाकुर, हरिपद रवानी, दामोदर चौधरी, नर्सिंग चौधरी, सूबेदार चौधरी, सुखलाल रजवार, अकलू मोहली, नवीन चौधरी, विजय चौधरी इत्यादि सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं.
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