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इको फ्रेंडली बनेंगे विवि व काॅलेज, सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक

इको फ्रेंडली बनेंगे विवि व काॅलेज, सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक

-यूजीसी ने कुलपति और प्राचार्यों को पत्र भेजकर दिये निर्देश-100 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक व पीवीसी (फ्लेक्स) बैनर भी प्रतिबंधित

मुजफ्फरपुर.

बीआरएबीयू व इससे संबद्ध सभी कॉलेजों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. परिसर में किसी प्रकार के आयोजन से लेकर सामान्य उपयोग के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक पर पाबंदी रहेगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने कुलपति और कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र भेजकर दिशा-निर्देश दिया है. यूजीसी के सचिव प्रो मनीष आर जोशी की ओर से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि प्लास्टिक कचरा सबसे बड़ी पर्यावरणीय चिंताओं में से एक बनकर उभरा है. इसके कारण बड़े पैमाने पर मिट्टी व पानी प्रदूषित हुआ है और इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. प्लास्टिक का उपयोग जिस गति से बढ़ रहा है, उसके अनुसार अपशिष्ट निपटान प्रणाली सुदृढ़ नहीं है.

शहर से निकलने वाला कचरा अपशिष्ट निपटान प्रणालियों के लिए एक चुनौती बन गया है. इसने नदियों और जलाशयों को पूरी तरह प्रदूषित कर दिया है. ऐसे में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए एक व्यवस्थित अभियान की शुरुआत की गयी है. विशेषकर सिंगल यूज बैन करने को लेकर सख्त दिशा-निर्देश दिये गये हैं. कहा गया है कि छात्रों और उनके अभिभावकों को प्लास्टिक के उपयोग से बचने को लेकर जागरूक करें. अभियान व कार्यक्रम के माध्यम से इसे प्रभावी बनायें. कहा गया है कि विभिन्न प्रकार के आयोजनों में संस्थानों में प्लास्टिक कैरी बैग, कृत्रिम प्लास्टिक के फूल, प्लास्टिक की पानी की बोतलें, 100 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक व पीवीसी (फ्लेक्स) बैनर का उपयोग नहीं करना है.

परिसर, छात्रावास व कैंटीन में भी पाबंदी

यूजीसी ने कहा है कि उच्च शिक्षण संस्थान अपने परिसर के साथ ही छात्रावास व कैंटीन में भी इसके इस्तेमाल पर रोक लगायें. इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में छात्रों को जानकारी दें और अभियान व संवेदीकरण कार्यशालाओं के माध्यम से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने की सलाह दें. सभी विद्यार्थियों को गैर जैव-निम्नीकरणीय प्लास्टिक की वस्तुओं का उपयोग न करने की सलाह दी गयी है. प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए छात्रों को वैकल्पिक सुविधाओं की ओर भी जागरूक करना है. पानी की बोतलें, कपड़े के थैले, पेपर बैग जैसे वैकल्पिक समाधान पर विचार करनेको कहा गया है.

गांव को गोद लेंगे संस्थान

संस्थानों काे कहा गया है कि पठन-पाठन के साथ-साथ वे अपनी सामाजिक दायित्वों का भी निर्वहन करें. सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने को लेकर संस्थान अपने स्तर से आसपास के गांवों को गोद लें. यहां निरंतर जागरूकता अभियान के माध्यम से लोगों को इसका उपयोग न करने और इससे होने वाले नुकसान की जानकारी देनी है. ””””””””प्लास्टिक-मुक्त गांव”””””””” नामक अभियान में बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्टूडेंट्स को पुरस्कृत भी किया जायेगा.

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