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saran News:छपरा मीठा मंडी में कभी यूपी, झारखंड व पटना से आते थे व्यापारी

saran News:छठ महापर्व में प्रसाद बनाने के लिए गुड़ की डिमांड बढ़ गयी है. हालांकि देसी गुड़ के लिए कभी प्रसिद्ध रहा छपरा का मीठा बाजार अब व्यवसाय के लिए उत्तर प्रदेश व बिहार के अन्य जिलों पर निर्भर है. मंडी में यूपी के हापुड़ व चांदपुर के अलावा मधुबनी जिले से आये गुड़ का कारोबार अधिक हो रहा है.

छपरा. छठ महापर्व में प्रसाद बनाने के लिए गुड़ की डिमांड बढ़ गयी है. हालांकि देशी गुड़ के लिए कभी प्रसिद्ध रहा छपरा का मीठा बाजार अब व्यवसाय के लिए उत्तर प्रदेश व बिहार के अन्य जिलों पर निर्भर है. मंडी में यूपी के हापुड़ व चांदपुर के अलावा मधुबनी जिले से आये गुड़ का कारोबार अधिक हो रहा है. इस समय 60 से 90 रुपये प्रति किलो की दर से बाजार में गुड़ उपलब्ध है. खासकर चउरस गुड़ जिससे छठ का प्रसाद बनता है उसकी डिमांड अधिक है. विदित हो कि छपरा मीठा (गुड़) बाजार का इतिहास लगभग 150 वर्ष पुराना है. पहले यहां का मीठा बाजार आज के पुरानी गुड़हट्टी में स्थापित था. बाद में बाजार का विस्तार हुआ और मौना चौक में मीठा बाजार के नाम से इसकी ख्याति हुई. 90 के दशक तक यह उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मीठा बाजार हुआ करता था. यहां मिलने वाला देसी गुड़ काफी नामी था. समय के साथ बाजार कई भागों में बंट गया और बड़े शहरों में फैक्ट्रियों के प्रचलन ने इन मंडियों के कारोबार पर खासा असर डाला. आज यह बाजार पूरी तरह बिखर चुका है. बामुश्किल 30-35 थोक मीठा व्यापारी मंडी में बचे हैं. हालांकि सीजन में अभी भी ग्राहकों की भीड़ दिखती है पर पहले जैसी बात अब नहीं रही.

पटना के बड़े साहूकार भी आते थे इन मंडियों में

छपरा मीठा बाजार में सारण जिले के विभिन्न प्रखंडो के अलावा आरा, हाजीपुर, सोनपुर, मुजफ्फरपुर, पटना तथा यूपी के सुलेमनपुर व बलिया, झारखंड से भी बड़े साहूकार खरीदारी के लिए आते थे. मीठा बाजार के कुछ पुराने व्यवसायी बताते हैं कि एक जमाने में पटना के प्रसिद्ध व्यापारी महावीर प्रसाद भी छपरा मीठा बाजार से ही खरीदारी करते थे. पटना से छपरा आने के लिए नदी मार्ग का इस्तेमाल होता था. दर्जनों नाव पर मीठा लाद कर पटना की मंडियों में जाता था, जहां से बिहारशरीफ, जहानाबाद व गया तक यहां का गुड़ बिकता था. छपरा की मंडी में सीजन के समय पैर रखने की जगह भी नहीं मिलती थी. 20 वर्ष पूर्व तक मीठा बाजार छपरा के पूरे व्यवसाय में अच्छी खासी भागीदारी रखता था.

फेमस था यहां का चक्की गुड़

छपरा की मंडी में गोपालगंज से चक्की गुड़ आता था, जो काफी फेमस हुआ करता था. इस गुड़ की सोंधी खुशबू बाजार के तरफ से आने-जाने वाले लोगों को अपनी और आकर्षित करती थी. तब बिना केमिकल के गुड़ का निर्माण हुआ करता था. हालांकि इस गुड़ को बनाने में काफी मेहनत लगती थी. समय के साथ बड़े शहरों में फैक्ट्रियों का विस्तार हुआ और चक्की गुड़ का बनना बंद हो गया. अब स्थानीय व्यापारी भी बाहर से ही मीठा का आयात करते हैं. कई फैक्ट्रियां तो सीधे बड़े कारोबारियों तक माल पहुंचाने लगी हैं. ऐसे में अब छोटे-छोटे कारोबारी ही इन मंडियों का रुख करते हैं.

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