कोलकाता. प्रदेश भाजपा ने राज्य में आवास योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. सोमवार को भाजपा प्रवक्ता जगन्नाथ चटर्जी ने प्रेसवार्ता में कहा कि राज्य में 2015 से 2022 के बीच आवास योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. गौरतलब है कि राज्य में आवास योजना का सर्वे 29 अक्तूबर को पूरा हुआ और इसके बाद राज्य के मुख्य सचिव और पंचायत मंत्री ने 30 अक्तूबर को एक बैठक की थी. भाजपा नेता ने दावा किया कि रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में आवास योजना के 22.76 फीसदी आवेदन खारिज कर दिये गये. कुल 18 लाख 36 हजार घरों का सर्वे किया गया. उसमें से चार लाख 18 हजार आवेदन रद्द कर दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र की गणना के मुताबिक राज्य में अब भी 45 लाख घर बनाने की जरूरत है. यानी अगर सभी घरों का सर्वे होता, तो 10 लाख 24 हजार आवेदन खारिज हो जाते. बिना सर्वे किये आवास योजना का फंड आवंटित करने पर 12 हजार 300 करोड़ रुपये बर्बाद हो जाते.
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने 2016-22 तक 45 लाख 70 हजार मकान आवंटित किये हैं. उसमें से राज्य सरकार ने 34 लाख 19 हजार घर बनाये हैं. यदि 22.76 प्रतिशत को अपात्र माना जाये, तो उस सूची में सात लाख 78 हजार अपात्र प्राप्तकर्ता हैं. केंद्र और राज्य सरकार ने मिल कर इस योजना पर कुल 9400 करोड़ रुपये खर्च किये हैं.
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