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झारखंड की इन सीटों पर अब तक नहीं हारा झामुमो, जानें इस बार किसको बनाया उम्मीदवार

Jharkhand Assembly Elections: झारखंड में कई विधानसभा सीटें हैं, जहां राज्य गठन के बाद वह कभी नहीं हारा. वो कौन-कौन सी सीटें हैं, यहां पढ़ें.

Jharkhand Assembly Elections: अलग झारखंड की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लिए राज्य की कई विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिसे उसका गढ़ माना जाता है. इनमें सबसे अधिक सीटें संताल परगना में हैं. एक सीट कोल्हान प्रमंडल में है, तो एक उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में. इनमें से कुछ सीटों पर 4 दशक से यह पार्टी अजेय है.

4 दशक से बरहेट (एसटी) सीट पर है झामुमो का कब्जा

संताल परगना में झामुमो के अभेद्य किले की बात करें, तो हेमंत सोरेन जिस विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित वह बरहेट सीट 4 दशक से झामुमो के कब्जे में है. इस सीट पर झामुमो को छोड़ किसी दूसरी पार्टी के नेता को जीत नहीं मिली. वर्ष 2005 में थॉमस सोरेन, वर्ष 2009 में हेमलाल मुर्मू, वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन ने बरहेट विधासनभा सीट से चुनाव जीता था.

लिट्टीपाड़ा में उम्मीदवार बदल-बदलकर जीतता रहा है झामुमो

लिट्टीपाड़ा (एसटी) विधानसभा सीट की बात करें, तो इस सीट पर झामुमो ने लगातार जीत दर्ज की है. लेकिन, उसने हर बार इस सीट से अपना उम्मीदवार बदल दिया. वर्ष 2005 में सुशील हंसदा ने झामुमो के टिकट पर लिट्टीपाड़ा विधानसभा सीट जीती थी, तो वर्ष 2009 में साइमन मरांडी, वर्ष 2014 में डॉ अनिल मुर्मू और वर्ष 2019 में दिनेश विलियम मरांडी ने चुनाव जीता था.

शिकारीपाड़ा में लगातार जीतने वाले नलिन सोरेन बन गए हैं सांसद

शिकारीपाड़ा (एसटी) विधानसभा एक ऐसी सीट है, जिस पर झामुमो का कई दशक से कब्जा है. इस सीट की खास बात यह है कि एक ही उम्मीदवार ने बार-बार चुनाव जीते हैं. उनका नाम है नलिन सोरेन. झारखंड मुक्ति मोर्चा के इस अजेय विधायक को लोकसभा के चुनाव में भी जीत मिली. नलिन सोरेन वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में दुमका संसदीय सीट से सांसद निर्वाचित हुए. इस बार उनकी जगह आलोक सोरेन को उम्मीदवार बनाया है.

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सरायकेला में 2005 से जीतता रहा है जेएमएम

कोल्हान प्रमंडल की सरायकेला (एसटी) विधानसभा सीट पर भी झामुमो का अच्छा-खासा प्रभाव है. वर्ष 2005 से लगातार इस सीट पर कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर झारखंड आंदोलनकारी चंपाई सोरेन जीतते रहे. वर्ष 2005 और वर्ष 2009 में उन्होंने भाजपा के लक्ष्मण टुडू को हराया. वर्ष 2014 और वर्ष 2019 में चंपाई सोरेन ने भाजपा के गणेश महली को पराजित किया. एक बार फिर चंपाई सोरेन और गणेश महली आमने-सामने हैं. लेकिन, इस बार चंपाई सोरेन भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, तो गणेश महली झामुमो के उम्मीदवार हैं.

डुमरी विधानसभा सीट पर 4 चुनावों में कभी नहीं हारा झामुमो

उत्तरी छोटानागपुर की डुमरी विधानसभा सीट पर भी पिछले 4 चुनावों में झामुमो को कभी हार का मुंह नहीं देखना पड़ा. इस सीट पर झामुमो उम्मीदवार जगरनाथ महतो ने वर्ष 2005 में राजद के लालचंद महतो को पराजित किया था. वर्ष 2009 में जदयू के दामोदर प्रसाद महतो को हराया. वर्ष 2014 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले लालचंद महतो को जगरनाथ महतो ने पराजित किया. वर्ष 2019 में उन्होंने आजसू की यशोदा देवी को हराया था. वर्ष 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड के दिवंगत शिक्षा एवं मद्य निषेध विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी चुनाव लड़ रहीं हैं.

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