उपविकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को समीक्षा भवन में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत जीविका व मनरेगा की क्रियान्वित योजनाओं की समीक्षा की गयी. जीविका स्वयं सहायता समूहों को बैंकों ऋण की दूसरी और तीसरी किस्त में वृद्धि करने का निर्देश दिया गया. समूह से जुड़े कम से कम 75 प्रतिशत योग्य सदस्यों का बीमा करवाने कहा. सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़े परिवारों को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाने और बकरी पालन करनेवाले परिवारों के लिए पशु शेड बनवाने का मनरेगा के सभी पीओ को निर्देशित किया गया. डीडीसी ने कहा कि योजना से जुड़े परिवारों को ग्रेजुएट करने के लिए अधिक प्रयास करें. विशेषकर पीरपैंती और सुलतानगंज प्रखंड में ग्रेजुएट परिवारों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया. जीविका द्वारा संचालित दीदी की नर्सरी नर्सरी से हुए इकरारनामा के अनुसार योग्य सभी पौधों का उठाव मनरेगा द्वारा कराना है. मनरेगा के पीओ को निर्देशित किया गया कि अगर दीदी की नर्सरी के साथ समझौता नहीं हुआ है, तो कर लें. वेंडर का रजिस्ट्रेशन कर लें और फिर इकरारनामे के अनुसार पौधों का उठाव और उसका भुगतान करें. प्रत्येक प्रखंड में कम से कम एक जीविका भवन का निर्माण मनरेगा के तहत होगा. वर्तमान में केवल जगदीशपुर में एक जीविका भवन का निर्माण कर इसे जीविका के ग्राम संगठन को हस्तांतरित किया गया है. प्रोजेक्ट उन्नति के अंतर्गत उन्नयन कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके श्रमिकों को 10 दिन के कार्यदिवस की मजदूरी के भुगतान का निर्देश दिया गया. इस मौके पर सहायक समाहर्ता गरिमा लोहिया, डीआरडीए के निदेशक, जीविका के डीपीएम, मनरेगा के डीपीओ, जीविका के सभी प्रखंड परियोजना प्रबंधक, जिला स्तरीय प्रबंधकों के अलावा मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे.
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