सासाराम न्यूज : तिलौथू के हाइस्कूलों में स्थापित स्पेस लैब में अंतरिक्ष यान सम्मेलन आयोजित
तिलौथू.
जब कोई अच्छा कार्य होता है, तो उसमें व्यवधान जरूर पड़ता है. मेरी फ्लाइट डायवर्ट होने के कारण देर हुई. लेकिन, लिखा हुआ था यहां आने का, सो आने में सफल हो सका. यह बात बिहार में प्रतिभा की खोज करने निकले इसरो के निदेशक निलेश देसाई ने तिलौथू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को आयोजित अंतरिक्ष यान सम्मेलन में कहीं. उन्होंने कहा कि पांच नवंबर का यह दिन हमारे इसरो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. 2013 में इसी दिन हमने मंगलयान और चंद्रयान को लॉन्च किया था. हम पहली बार चांद के साउथ पोल पर लैंड किये थे. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में आने वाला समय भारत का है. मेरी कोशिश है कि उसमें बिहार की अच्छी भागीदारी हो. निदेशक ने कहा कि अहमदाबाद स्पेस रिसर्च का जनक है. क्योंकि, अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रथम वैज्ञानिक बिक्रम साराभाई अहमदाबाद से ही थे. इसरो में जो वैज्ञानिक हैं, वे छोटे-छोटे शहरों से संबंध रखते हैं. आप अच्छे से पढ़ाई करें और देश के लिए काम करने की भावना मन में रखें. आपको केंद्रीय कर्मचारी होने के साथ अच्छी सुविधाएं भी मिलेंगी. श्री देसाई ने कहा कि हमने बच्चों के प्रदर्शनी मॉडल देखे. बच्चों ने अहमदाबाद से प्रेरणा लेकर ऐसे मॉडल बनाये हैं, जो काबिले तारीफ है. यह लगभग इसरो के वैज्ञानिकों के जैसे बनाये यगे हैं. बहुत अच्छा लगा. इस स्कूल के हेडमास्टर मैकू राम ने जो मेहनत की है, वो रंग लायेगी. यहां पांच बच्चे मेरे सेंटर अहमदाबाद में विजिट करने आये थे. मेरी कोशिश है और बच्चे भी वहां आएं. मेरी कोशिश यह भी है कि इसरो का एक सेंटर यहां काम करें. यहां इसरो के वैज्ञानिकों को भेजा जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है