मदनपुर. छठ को लेकर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धा का वातावरण शुरू हो चुका है. मंगलवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय महापर्व का अनुष्ठान आरंभ हो गया. साथ ही छठ व्रत को लेकर पूजन सामग्री की खरीदारी भी शुरू हो गयी है. वहीं, शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के छोटे बड़े सभी घाटों की साफ-सफाई को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है. दूसरी तरफ शांतिपूर्ण छठ पर्व संपन्न कराने को लेकर पुलिस प्रशासन काफी मुस्तैद है. पर्व पर पूजन सामग्री के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बाजार सज गया है. छठ पर्व को पारंपरिक तरीके से मनाने का पहले से चलन रहा है. इस पर्व के सांस्कृतिक महत्व को रेखांकित करते हुए इन दिनों गांव व शहर के गली मुहल्लों में छठ गीतों की गूंज है. उमगा मंदिर के प्रधान पुजारी बालमुकुंद पाठक ने बताया कि यह व्रत संतान की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और उज्वल भविष्य की कामना के लिए रखा जाता है. यह सबसे कठिन व्रतों में माना जाता है. 36 घंटे तक सबसे कठिन नियमों का पालन करते हुए व्रती इस व्रत को रखते हैं. छठ पूजा का व्रत रखने वाले लोग 24 घंटे से अधिक समय तक निर्जला उपवास रखते हैं. छठ पर्व का मुख्य व्रत षष्ठी तिथि को रखा जाता है. लेकिन, यह पर्व चतुर्थी से आरंभ होकर सप्तमी तिथि को प्रातः सूर्योदय के समय अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है.
खरीदारी को लेकर उमड़ने लगी भीड़
छठ पर्व को लेकर विभिन्न बाजारों में पूजन सामग्री की भारी संख्या में दुकान लग चुकी है. शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के बाजारों में छठ पूजन सामग्री से पट चुका है. बाजार में सूप, नारियल, डाला, डाभ, नींबू, फल, पूजन सामग्री की खरीदारी खूब हो रही है. खरीदारी को लेकर बाजार में सुबह से देर शाम तक भीड़ जुटने लगी है. लोग महंगाई को देखते हुए भी अपनी आवश्यकता के अनुसार सामान की खरीदारी कर रहे है.
40 से 50 रुपये तक बिका कद्दू
मंगलवार को कद्दू भात के साथ ही आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हो गया. नहाय खाय के दिन कद्दू का एक अलग ही महत्व है. यही वजह है कि कद्दू की बिक्री खूब हुई. बाजार में 40 से लेकर 50 रुपये तक कद्दू की बिक्री हुई. कद्दू भात के साथ शुरू होने वाले इस महापर्व के दूसरे दिन खरना कि भी तैयारी शुरू कर दी गयी है. छठव्रती व श्रद्धालुओं ने गेहूं सहित अन्य सामग्रियों की साफ सफाई कर खरना की तैयारी आरंभ कर दिया है.छठ मनाने के लिए परदेसी पहुंचे गांव
छठ पर्व मनाने के लिए प्रदेश में रहने वाले लोग अपने पूरे परिवार के साथ घर पहुंच गये हैं, वहीं, प्रदेश से गांव पहुंचने से गांव की गलियां गुलजार हो गयी है, जबकि त्योहार के दौरान परदेसी परिवार के साथ त्योहार की खुशियां साझा करने की तैयारी में जुट गये है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है