बेरमो. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. व्रतियों ने नदी, तालाब, पोखर व घरों में शुद्ध जल से स्नान कर भगवान भास्कर की पूजा की. इसके बाद आम की लकड़ी पर महापर्व का पहला प्रसाद कद्दू-भात बनाया.अरवा चावल का भात, चना का दाल, कद्दू की सब्जी के साथ धनिया पत्ती की चटनी के अलावा कद्दू व अगस्त फुल का बचका भी बना. इस प्रसाद को पहले व्रतियों ने ग्रहण किया. इसके बाद घर के अन्य सदस्यों सहित अन्य श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया.
इधर, घरों, मुहल्लों से लेकर बाजार तक छठ को लेकर चहल-पहल है. हर ओर छठ के गीत बज रहे हैं. जोड़े-जोड़े सूपवा…, कांच ही बांस के बंहगिया…, सुगवा जे मारबो धनुक से…, पटना के घाट पर हमहूं अरगिया देबई है छठी मईया…, रुनकी झुनकी बेटी मांगे ला…, कौने खेत जनमल दान-सुधान हो… जैसे गीतों ने माहौल को छठमय बना दिया है. फुसरो, जरीडीह बाजार, जारंगडीह, कथारा, कुरपनिया, चंद्रपुरा, भंडारीदह, साड़म, होसिर, गोमिया, तेनुघाट, बोकारो थर्मल, तेनुघाट, करगली बाजार आदि के बाजारों में फल, पूजन सामग्री, मिट्टी के बर्तन, दउरा, सूप की बिक्री जोरों पर है.घाटों की सफाई अंतिम चरण में :
कोयलांचल के प्रमुख छठ घाटों की सफाई का काम अंतिम चरण में है. घाट तक जाने वाले मार्ग को भी दुरुस्त किया जा रहा है. जगह-जगह तोरणद्वार बनाये जा रहे हैं. घाट और सड़क किनारे विद्युत सज्जा की जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है