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जन्म देने वाली मां को उसकी बच्ची ने मुखाग्नि देने से किया इंकार

जन्म देने के बाद मां अपने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करती है, लेकिन अंतिम समय में बच्चे अपनी मां को मुखाग्नि देने से इंकार कर दिया

जन्म देने के बाद मां अपने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करती है, लेकिन अंतिम समय में बच्चे अपनी मां को मुखाग्नि देने से इंकार कर दिया. यह दिल को झकझोर देने वाली घटना हैं. यह घटना नवगछिया नगर परिषद के आश्रय स्थल में रह रही सोनिया देवी के साथ हुई. पूर्णिया जिला लालगंज के सरयुग मंडल की पत्नी सोनिया देवी का शव अनुमंडल अस्पताल नवगछिया में पड़ा है, लेकिन कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं है.वर्ष 2018 के दिसंबर में सोनिया देवी पकड़ा एनएच-31 किनारे ठंड से ठिठुर रही थी. वाहन से भागलपुर जा रहे भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष विनोद मंडल की वृद्ध महिला पर नजर पड़ी. जिलाध्यक्ष ने अपने वाहन से निकल महिला को कंबल ओढ़ाया. नगर परिषद के निवर्तमान कार्यपालक पदाधिकारी से संपर्क कर महिला को आश्रय स्थल में रखवाया. तब से महिला आश्रय स्थल में ही रह रही थी. आश्रय स्थल में सोमवार की शाम वृद्ध महिला की तबीयत खराब हो गयी. महिला को ऑटो से आश्रय स्थल के कर्मी ने इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल नवगछिया पहुंचा दिया. अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक ने महिला का इलाज किया. महिला की गंभीर हालत को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए भागलपुर अस्पताल रेफर किया. एम्बुलेंस से भागलपुर अस्पताल ले जाने के दौरान महिला की मौत हो गयी. महिला का शव एम्बुलेंस से वापस नवगछिया अस्पताल लाया गया. महिला के पास मोबाइल मिला, उसमें उसकी बेटी का नंबर था. एम्बुलेंस ड्राइवर ने उसकी पुत्री ढोलबज्जा थाना के लखमिनिया की मंजू देवी से बात की, तो उसने फोन पर कहा कि मैं सानिया देवी को नहीं पहचानती हूं. महिला का शव लावारिस अवस्था में खुले में अस्पताल परिसर में रखा हुआ है. कोई देखने वाला नहीं है. महिला का अंतिम संस्कार कौन करेगा यह सवाल बना हुआ हैं. जिस मां ने पुत्री को जन्म दिया, उसे पाल पोस कर बड़ा किया. अच्छे परिवार में शादी की. वह पुत्री मौत के पश्चात मां को पहचानने से इंकार कर रही है. आश्रय स्थल के केयरटेकर ने शव का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया. कहा कि महिला के परिजन ही अंतिम संस्कार करेंगे.

परिवार की देखरेख के अभाव में महिला को पेट पालने के लिए सड़क किनारे भीख मांग कर गुजारा करती थी. आश्रय स्थल में रह रही महिला ट्रेन में घूम-घूम कर भीख मांगती थी. नवगछिया नप के मुख्य पार्षद प्रीति देवी के पति ने डब्लू यादव ने बताया कि महिला छह वर्ष से आश्रय स्थल में रह रही थी. तबीयत खराब होने पर उसे इलाज के लिए अस्पताल से एम्बुलेंस मंगवा कर उसे अस्पताल पहुंचाया गया. महिला को भागलपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया था. भागलपुर अस्पताल ले जाने के दौरान मौत हो गयी. फोन से उसकी बेटी से संपर्क किया, तो उसने शव लेने से इंकार कर दिया. महिला का अंतिम संस्कार नवगछिया थानाध्यक्ष करवायेंगे. इस घटना की जानकारी है. मृत महिला के परिजनों को मौत की सूचना दे दी गयी है. परिजनों के आने पर शव सौंप दिया जायेगा. अन्यथा महिला के शव का प्रशासनिक सहमति से अंतिम संस्कार कर दिया जायेगा.

रवि शंकर सिंह, थानाध्यक्ष, नवगछिया.B

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