Tuberculosis : ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) हमारे देश में अन्य सभी संक्रामक बीमारियों से कहीं अधिक मौत का कारण बना हुआ है. टीबी रोग से ग्रसित अधिकतर लोग समाज के गरीब वर्ग के हैं. भारत में टीबी की बीमारी पर नियंत्रण की कोशिशें चल रही हैं, मगर उसमें और तेजी लाने की जरूरत है. हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने टीबी की स्थिति पर ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस रिपोर्ट 2024 पेश की है. इस रिपोर्ट ने भारत की चिंता बढ़ा दी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का दावा है कि दुनिया के 26 फीसदी टीबी मरीज भारत में हैं. भारत में 28 लाख टीबी के मामले रिपोर्ट हुए हैं. यह दुनिया के स्तर पर टीबी के कुल मामलों का 26 प्रतिशत है. एक आकलन के अनुसार, भारत में टीबी की बीमारी की वजह से लगभग 3.15 लाख मौतें भी हुईं. यह वैश्विक आंकड़े का 29 प्रतिशत है. रिपोर्ट से पता चला है कि 30 देशों की सूची में भारत का स्थान सबसे ऊपर है. इस रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं की तुलना में इस बीमारी के शिकार ज्यादातर पुरुष हैं. पचपन प्रतिशत पुरुषों में यह बीमारी पायी गयी. यह महिलाओं में 30 प्रतिशत से ज्यादा है. वहीं बारह प्रतिशत बच्चे और किशोर इसके शिकार हुए हैं.
ये आंकड़े दर्शाते हैं कि कोविड-19 को पीछे छोड़ते हुए दुनियाभर में टीबी की बीमारी एक बार पुन: मुख्य संक्रामक बीमारी के रूप में उभर गयी है. वर्ष 2022 में 75 लाख टीबी के मामले सामने आये थे. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में लगभग 82 लाख लोगों में टीबी संक्रमण का पता चला था. वर्ष 1995 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक टीबी निगरानी शुरू हुई थी. उसके बाद से टीबी के मामलों के बारे में दर्ज किया गया यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. रिपोर्ट में एक सकारात्मक संकेत यह है कि अनुमानित मामलों और वास्तव में निदान किये गये मामलों के बीच का अंतर कम होता दिख रहा है.
भारत में 2023 में टीबी के 25.2 लाख मामले सामने आये, जबकि उसके पिछले वर्ष यह संख्या 24.2 लाख थी. संतोष की बात यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार भारत 30 सबसे ज्यादा टीबी के मरीज वाले देशों में, ट्रीटमेंट कवरेज के मामले में शीर्ष पर है. भारत उन सात देशों में शामिल है, जहां वर्ष 2023 में 80 प्रतिशत से अधिक उपचार कवरेज उपलब्ध रहा. वर्ष 2023 में भारत में 12.2 लाख लोगों को निवारक चिकित्सा दी गयी, जो 2022 में 10.2 लाख और 2021 में 4.2 लाख थी. टीबी उपचार के लिए सरकार मुफ्त दवाएं उपलब्ध करवा रही है. वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच हुआ था. इस अभियान के तहत 2025 तक टीबी रोग को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है.