20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ आज

शहर और आसपास के इलाकों में बुधवार को छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का अनुष्ठान संपन्न हो गया़ व्रतियों ने दिनभर उपवास के बाद शाम को स्नान और ध्यान कर मिट्टी के चूल्हे पर खीर का प्रसाद बनाया.

झुमरीतिलैया. शहर और आसपास के इलाकों में बुधवार को छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना का अनुष्ठान संपन्न हो गया़ व्रतियों ने दिनभर उपवास के बाद शाम को स्नान और ध्यान कर मिट्टी के चूल्हे पर खीर का प्रसाद बनाया. प्रसाद को देवी-देवताओं को अर्पित करने के बाद व्रतियों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. बाद में अन्य लोगों के बीच प्रसाद बांटा गया. प्रसाद लेने के लिए लोगों का आना-जाना देर रात तक जारी रहा़ इस दौरान छठी मैया के गीतों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया़ भक्तों के बीच प्रसिद्ध छठ गीत केलवा के पात पर… कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाये… जैसे गीतों से पूरा वातावरण भक्ति में हो गया़ खरना अनुष्ठान के बाद व्रतियों का 36 घंटे का कठिन उपवास शुरू हो गया, जो गुरुवार को अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पण के साथ समाप्त होगा़

शहर के छठ घाटों पर आकर्षक सजावट और लाइटिंग

छठ को लेकर इंदरवा बस्ती स्थित इंदरवा छठ तालाब, विद्यापुरी का धनी सिंह छठ तालाब, जयमंगल सिंह छठ तालाब और मडुआटांड़ के सभी प्रमुख घाटों पर आकर्षक लाइटिंग की गयी है़ कुछ घाटों पर भगवान भास्कर की प्रतिमा भी स्थापित की गयी है. तोरण द्वार से सजे छठ घाटों पर सुरक्षा और सफाई के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं

फल और पूजा सामग्री की दुकानों पर भीड़, जाम की स्थिति

छठ महापर्व को लेकर शहर के झंडा चौक, स्टेशन रोड, सब्जी मंडी, और ओवरब्रिज के पास सैकड़ों अस्थायी दुकानें लगी हैं. फल और पूजा सामग्री की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ लगी रही, जिससे सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी.

गली-मुहल्लों में गूंज रहे हैं छठी मइया के गीत

डोमचांच. लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के दूसरे दिन बुधवार को खरना हुआ. खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही छठी मइया का घर में आगमन होता है. खरना के दिन सभी छठ व्रती कुल देवता, सूर्य देवता और छठ मैया की पूजा करते हैं और गुड़ से बनी खीर बनाते हैं. खरना के प्रसाद में चावल और गुड़ से रसिया बनायी जाती है. इसके बाद इन सभी चीजों का भगवान सूर्य को भोग लगाया जाता है. बाद में सब लोग इस भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. गुरुवार को अस्ताचलगामी व शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ के साथ इस महापर्व का समापन हो जायेगा. छठ महा पर्व को लेकर घर से घाट तक तैयारी शुरू हो गयी है. बाजार पूजा सामग्री से सज गयी है. छठ पूजा को लेकर खूब खरीदारी की जा रही है. गली-मुहल्लों में छठी मइया के गीत गूंजने लगे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें