Rourkela News: वेदव्यास संगीत नृत्योत्सव-2024 के 27वें संस्करण की चौथी शाम को मनमोहक ओडिशी नृत्य और झारखंड के लोकप्रिय लोक नृत्य के जादू, लयबद्ध ताल और मधुर धुनों से उत्सव का माहौल बना दिया. पांच दिवसीय नृत्य और संगीत का यह महाकुंभ इस्पात शहर राउरकेला के भंज भवन प्रदर्शनी मैदान में भंज कला केंद्र के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है. शाम के शास्त्रीय नृत्य खंड की शुरुआत ओडिशा नृत्य अकादमी, भुवनेश्वर से पद्मश्री अरुणा मोहंती के शिष्यों द्वारा एक शानदार और आकर्षक ओडिशी नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई. कलाकारों ने ‘कृष्णाय तुभ्यं नम:’ प्रस्तुत किया, जो भगवान विष्णु के दस अवतारों (दशावतार) के वर्णन का एक संक्षिप्त संस्करण है, जिसका वर्णन कवि जयदेव ने गीत गोविंद में किया है, जो विकास के सिद्धांत के अनुरूप है. अन्य ओडिशी नृत्य गायन में ‘जात्रा बारामासी’ शामिल था, जिसमें ओडिशा के 12 महीनों में धार्मिक समारोहों को मनाने वाले 13 त्योहारों की अवधारणा का वर्णन किया गया था. झारखंड के कलाकारों ने मनमोहक लोकनृत्य प्रस्तुत किया. इस मार्शल नृत्य में जोशीले पुरुषों द्वारा ढोल की थाप के साथ जोरदार शारीरिक करतब दिखाये गये.
भंज कला केंद्र के पूर्व छात्रों ने वायलिन संगीत कार्यक्रम पेश किया
सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत भंज कला केंद्र के पूर्व छात्रों द्वारा वायलिन संगीत कार्यक्रम के साथ हुई, जो भंज कला केंद्र के पूर्व वायलिन गुरु दिवंगत बंशीधर बहलिया के प्रति श्रद्धांजलि थी. इस अवसर पर गाजा इंजीनियरिंग, हैदराबाद के बिजनेस हेड निकुंज किशोर स्वांई मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि एसबीआइ, राउरकेला के वरिष्ठ अधिकारी, सुशांत प्रधान विशिष्ट अतिथि थे. भंज कला केंद्र के मुख्य महा प्रबंधक (आरएमएचपी) और अध्यक्ष, एसएस राय चौधरी ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया. भंज कला केंद्र के महासचिव आरके महापात्र ने उद्घाटन समारोह का समन्वय किया. आरएसपी के उप प्रबंधक (जन संपर्क) शशांक पटनायक और कोयना दस्तीदार ने कार्यक्रम का संचालन किया.
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