17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विश्व का सबसे ताकतवर देश अमेरिका, लेकिन आजादी से आजतक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं

Kamala Harris vs Donald Trump : अमेरिका के इतिहास में आज तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बन पाई हैं. दो बार 2016 और 2024 में डेमोक्रेट्‌स ने राष्ट्रपति पद के लिए महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा. दिलचस्प है कि डोनाल्ड ट्रंप जिन्होंने दोनों उम्मीदवारों को परास्त किया, उनपर महिलाओं के साथ दुर्व्यहार के कई आरोप लग चुके हैं, बावजूद इसके वे महिला उम्मीदवारों पर भारी पड़े.

Kamala Harris vs Donald Trump : विश्व के सबसे ताकतवर देश कहे जाने वाले अमेरिका ने एक बार फिर महिलाओं को निराश किया है. 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार थीं और उम्मीद की जा रही थी कि इस बार अमेरिका के इतिहास में पहली बार महिला राष्ट्रपति चुनी जाएंगी. लेकिन कमला हैरिस राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गईं और उन्होंने अपनी हार स्वीकार भी कर ली है. अमेरिका की आजादी के बाद लगभग 250 साल के इतिहास में अभी तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं चुनी गई हैं.

दो बार महिला उम्मीदवारों ने लड़ा राष्ट्रपति चुनाव

अमेरिका के इतिहास में पहले राष्ट्रपति जाॅर्ज वाॅशिंगटन थे. वे 1789 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे और अमेरिका के इतिहास में अबतक 46 राष्ट्रपति बन चुके हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में 2016 में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन किसी पार्टी द्वारा बनाई गई पहली उम्मीदवार थीं, उनके बाद दूसरी महिला उम्मीदवार कमला हैरिस ही बनी हैं. एक और महिला विक्टोरिया वुडहूल का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में सामने आता है, हालांकि उन्हें किसी पार्टी ने नामित नहीं किया था. विक्टोरिया ने 1872 में चुनाव लड़ा था वह अमेरिका में महिला अधिकारों के लिए संघर्षरत थी और उन्होंने महिलाओं को मताधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया था. चूंकि विक्टोरिया को किसी भी पार्टी ने अपना उम्मीदवार नहीं बनाया था इसलिए अमेरिकन इतिहासकारों में इस बात को लेकर विवाद है कि विक्टोरिया वुडहूल को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार माना जाए अथवा नहीं.

हिलेरी क्लिंटन और कमला हैरिस दोनों को डोनाल्ड ट्रंप ने दी शिकस्त

Copy Of Add A Heading 2024 11 07T150205.146
कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप को टक्कर दी, लेकिन जीत नहीं पाईं

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में दो बार महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा. दोनों ही बार डेमोक्रेट्‌स ने ही महिलाओं को मौका दिया और यह एक संयोग ही है कि दोनों के खिलाफ उम्मीदवार रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ही थे और ट्रंप ने दोनों ही बार महिला उम्मीदवारों को शिकस्त दी. कमला हैरिस के अपेक्षा हिलेरी क्लिंटन की लोकप्रियता ज्यादा बताई जाती है क्योंकि हिलेरी क्लिंटन ने पॉपुलर वोटों की गणना में ट्रंप से ज्यादा वोट पाए थे, लेकिन वे चुनाव जीत नहीं पाई थीं. हिलेरी को कुल 65,853,514 पॉपुलर वोट मिले थे जबकि डोनाल्ड ट्रंप को 62,984,828 वोट मिले थे. लेकिन कुल इलेक्टोरल वोट में से हिलेरी को 227 और ट्रंप को 304 वोट मिले थे.

Us Election
अमेरिका चुनाव 2016 का परिणाम

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

कमला हैरिस की अगर बात करें तो वे चुनावी मैदान में वोटिंग से महज चार महीने पहले लाॅन्च हुईं थी, यही वजह है कि उनकी लोकप्रियता जनता के बीच उतनी नहीं थी जितनी की हिलेरी क्लिंटन की थी. यहां तक कि उन्हें पोल में पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की अपेक्षा कम महिलाओं ने वोट किया. बाइडेन के साथ 68 प्रतिशत महिलाएं थीं जबकि कमला के साथ 61 प्रतिशत. अमेरिका में शोध कर रहे जे सुशील ने अपने आलेख में जिक्र किया है किया है कि कमला हैरिस को डेमोक्रेट ही एक कमजोर उम्मीदवार मान रहे थे. कमला के सामने परेशानी यह थी कि वह अपना कोई एजेंडा पेश नहीं कर सकती थीं, क्योंकि यह अपनी आलोचना हो जाती. यही वजह था कि वे अपना काम भी नहीं गिना सकीं. अमेरिका में चुनाव स्थानीय मुद्दे पर होते हैं और ट्रंप ने यहां हैरिस से बाजी मार ली. अमेरिकियों की राय यह थी कि उनके सामने दो खराब राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं. ट्रंप को पढ़ा-लिखा वर्ग पसंद नहीं करता है, लेकिन उन्होंने कमला को भी अपनी पसंद नहीं बनाया, बल्कि ट्रंप के खिलाफ वोट किया, जिसका नुकसान कमला को हुआ.

Also Read :पैसे के लिए शारदा सिन्हा ने नहीं किया कभी समझौता, चाहे सामने गुलशन कुमार हों या अनुराग कश्यप

Donald Trump : डोनाल्ड ट्रंप ने मारी बाजी बनेंगे अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति, जानिए ‘असंभव को संभव’ कैसे बनाया

अमेरिका में अधिकारों के लिए महिलाओं को करना पड़ा है संघर्ष

Copy Of Add A Heading 2024 11 07T150616.119
महिलाओं को मतदान का अधिकार

अमेरिका के इतिहास पर गौर करें तो हम यह समझ पाएंगे कि आखिर क्यों यहां अबतक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं बन पाई है. सबसे बड़ा उदाहरण तो यह है कि यहां महिलाओं को मताधिकार का अधिकार भी आजादी के 144 साल बाद मिला था. अमेरिका को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी 1776 में मिली थी. संविधान 1789 में लागू हुआ, लेकिन महिलाओं को मताधिकार नहीं मिला. काफी संघर्ष के बाद 1919 में कांग्रेस ने महिलाओं को मतदान का अधिकार देने से संबंधित संविधान संशोधन किया और इस 19वें संविधान संशोधन की वजह से 1920 से महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला.

अमेरिका की दो प्रमुख पार्टियां हैं जिनका वर्चस्व सत्ता पर है डेमोक्रेट और रिपब्लिकन. रिपब्लिकन एक रूढ़िवादी सोच की पार्टी है, जबकि डेमोक्रेट प्रगतिशील सोच की पार्टी है, बावजूद इसके पार्टी ने 2016 में पहली बार किसी महिला को अपना उम्मीदवार बनाया. वहीं रिपब्लिकन ने आज तक किसी महिला को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नहीं बनाया है. उपराष्ट्रपति के लिए भी किसी महिला को 2020 से पहले मौका नहीं मिला था. कमला हैरिस पहली महिला हैं, जो उपराष्ट्रपति बनी हैं. उनसे पहले 2008 में रिपब्लिकन पार्टी ने सारा पॉलिन और 1984 में डेमोक्रेटिक पार्टी ने गेराल्डिन फेरारो को नामित किया था, लेकिन वे चुनाव जीत नहीं पाईं.

Also Read : अमेरिकी राष्ट्रपति कांग्रेस से पारित विधेयक को कानून बनने से रोक सकता है, ये हैं विशेषाधिकार और वेतन

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें