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आरजी कर भ्रष्टाचार : एक निजी संस्थान को अवैध तरीके से ठेका मिलने की आशंका

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले की प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के समानांतर ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) भी जांच कर रहा है.

कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले की प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के समानांतर ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) भी जांच कर रहा है. सूत्रों के अनुसार, उक्त मामले में कथित रूप से शामिल एक निजी संस्थान के बारे में सुराग मिले हैं. आशंका जतायी जा रही है कि उक्त संस्थान को अवैध तरीके से अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों का भी ठेका मिला. हालांकि, यह अभी जांच का विषय है.

जांच को देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने फिलहाल इस बारे में कुछ बताने से इंकार किया है. आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार के मामले में मेडिकल उपकरणों व सामान के सप्लायर और निजी संस्थान ‘मां तारा ट्रेडर्स’ के मालिक विप्लव सिन्हा को सीबीआइ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. वह मामले में गिरफ्तार आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का करीबी माना जाता है.

दोनों ही न्यायिक हिरासत में हैं. सिन्हा के स्वामित्व वाले संस्थान पर आरोप है कि उसे अवैध तरीके से आरजी कर में चिकित्सा उपकरण की आपूर्ति का ठेका मिला था. आशंका जतायी जा रही है कि उसी संस्थान को आरजी कर के अलावा चार अन्य सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में भी चिकित्सा उपकरण आपूर्ति के लिए अवैध रूप से ठेका मिला होगा, जिसे लेकर जांच जारी है. केंद्रीय एजेंसी ने कोलकाता की एक विशेष अदालत को इस तरह के ताजा निष्कर्षों के बारे में पहले ही जानकारी दे दी है और वर्तमान में इन सरकारी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों के अधिकारियों द्वारा मां तारा ट्रेडर्स को इस तरह के ठेके दिये जाने के रहस्यों की जांच कर रही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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