22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

LK Advani : हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले नेता, जिन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक निकाली थी राम रथयात्रा

LK Advani Birthday : बीजेपी के ‘लौह पुरुष’ माने जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी एक ऐसी शख्सीयत हैं, जिनका पार्टी हमेशा आभार मानेगी. बीजेपी को दो सीट से 120 तक पहुंचाने वाले आडवाणी ने आम आदमी की सहानुभूति प्राप्त करने वाले एजेंडे हिंदुत्व को अपनी पूरी ताकत से उठाया और इसका प्रभाव यह हुआ कि बीजेपी सत्ता तक पहुंची और आज वह विश्व की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती हैं

LK Advani Birthday : लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1984 के चुनाव में बीजेपी को महज दो सीटें हासिल हुईं थीं, लेकिन उन्होंने हिंदुत्व का झंडा बुलंद करते हुए ना सिर्फ बीजेपी को राष्ट्रीय पार्टी बनाया, बल्कि 1989 के चुनाव में 89 और 1991 के चुनाव में बीजेपी को 120 सीट के साथ प्रमुख विपक्षी पार्टी बनाया और फिर अगले चुनाव में यानी 1996 में पहली बार देश में कोई गैर कांग्रेसी सरकार बनी थी.

हिंदुत्व के नाम पर हिंदू वोटर्स को एक सूत्र में बांधा

Copy Of Add A Heading 2024 11 08T160423.983
राम रथयात्रा सोमनाथ में

1986 में अदालत के फैसले के बाद राजीव गांधी ने अयोध्या के राम मंदिर का ताला तो खुलवा दिया, लेकिन अयोध्या में राम मंदिर बनवाने के मुद्दे को बीजेपी ने इस तरह अपना बनाया कि कांग्रेस इसका श्रेय नहीं ले सकी और ताला खुलने के बाद मुसलमान कांग्रेस से नाराज भी हो गए. वहीं लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या में राममंदिर के मुद्दे को राष्ट्रवाद से जोड़कर हिंदुओं को एकसूत्र में बांध दिया. बीजेपी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनवाने को अपने एजेंडे में शामिल किया और इसे देशव्यापी अभियान बना दिया.

लाल कृष्ण आडवाणी ने 1990 में निकाली राम रथयात्रा

अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद ने 1984 में दिल्ली में प्रथम धर्म संसद का आयोजन किया था, जिसमें यह तय हुआ था कि रामजन्मभूमि को मुक्त कराकर वहां राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा. इसके पीछे यह धार्मिक मान्यता थी कि अयोध्या ही भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है. विश्व हिंदू परिषद के इस अभियान का राजनीतिक चेहरा बीजेपी बनी और इसमें लाल कृष्ण आडवाणी ने भरपूर योगदान दिया. राम मंदिर को राष्ट्रवाद से जोड़कर उन्होंने एक राम रथयात्रा निकाली जिसकी शुरुआत 25 सितंबर 1990 को गुजरात के सोमनाथ में हुई थी. लाल कृष्ण आडवाणी की रथ यात्रा देश के जिस भी इलाके के से होकर गुजरी वहां का हिंदू राम के नाम पर एकजुट हुआ और उनका बीजेपी से तार जुड़ता गया. 23 अक्टूबर 1990 को जब बिहार के समस्तीपुर में लालू यादव ने उनको गिरफ्तार करवाया तो पूरे देश में खूब हंगामा भी हुआ था और हिंदू वोटर्स की सहानुभूति बीजेपी और आडवाणी को मिली थी. इसके लिए आडवाणी ने बहुत मेहनत की वे एक दिन में कई सभाएं करते थे. बीजेपी को आम आदमी की पार्टी बनाने के लिए उन्होंने अपने भाषणों से उनके दिल में जगह बनाई.राम रथयात्रा का आमजन मानस पर कितना प्रभाव पड़ा इसे ऐसे समझा जा सकता है कि जिस बीजेपी को 1984 के लोकसभा चुनाव में महज दो सीटें मिलीं थीं और 196 में वे सत्ता तक पहुंच गए.

Bjp 1 1 1
Lk advani : हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले नेता, जिन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक निकाली थी राम रथयात्रा 4

Also Read :क्या है बाॅलीवुड और गैंगस्टर का कनेक्शन, सलमान के बाद शाहरुख खान को क्यों मिली धमकी

विभिन्न विषयों पर एक्सप्लेनर पढ़ने के लिए क्लिक करें

विश्व का सबसे ताकतवर देश अमेरिका, लेकिन आजादी से आजतक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं

आर्टिकल 370, यूसीसी और राममंदिर को आडवाणी ने बनाया एजेंडा

जनसंघ के जमाने से ही आडवाणी आर्टिकल 370 और यूसीसी के समर्थन में थे, लेकिन जब उन्होंने यह देखा कि जनता का समर्थन मात्र इन मुद्दों से प्राप्त नहीं किया जा सकता है, तो उन्होंने जनभावनाओं से जुड़े मुद्दे को उठाया और हिंदुत्व उनकी और बीजेपी की आवाज बन गया. लाल कृष्ण आडवाणी तीन बार बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे है और अपने दो कार्यकाल  में उन्होंने बीजेपी को शीर्ष पर पहुंचाया.

Bjp 2 1
Lk advani : हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाले नेता, जिन्होंने सोमनाथ से अयोध्या तक निकाली थी राम रथयात्रा 5

पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी थे लालकृष्ण आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (अब पाकिस्तान में) में हुआ था. उन्होंने कराची से ही स्कूली शिक्षा ली थी और उसके बाद काॅलेज की पढ़ाई के लिए वे सिंध राज्य के डीजी नेशनल काॅलेज गए थे. भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची से मुंबई आकर बस गया. यहां उन्होंने गवर्मेंट लाॅ काॅलेज से लाॅ की डिग्री ली. आजादी से पहले ही आडवाणी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक बन गए थे और वे कराची यूनिट के सेक्रेटरी भी बन गए थे. 1951 में वे जनसंघ से जुड़े और यहीं पर उनकी मुलाकात अटल बिहारी वाजपेयी से हुई और फिर दोनों गहरे मित्र बन गए. 1970 में आडवाणी पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए. वे 1998 में देश के गृहमंत्री बने और 2002 से 2004 तक वे देश के उप प्रधानमंत्री भी रहे.  2024 में उन्हें सरकार ने भारत का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न दिया है. 

Also Read : पैसे के लिए शारदा सिन्हा ने नहीं किया कभी समझौता, चाहे सामने गुलशन कुमार हों या अनुराग कश्यप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें