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जीएमसीएच में निधन पर एम्बुलेंस की बजाय ऑटो से ढोया जा रहा शव

एम्बुलेंस कर्मियों की बेमियादी हड़ताल का खामियाजा

अस्पताल में बुजुर्ग मृतक को ऑटो में रख कर घर ले गये परिजन

मृतक को उठाने वालों में परिजन महिलायें भी थीं शामिल

अस्पताल में दर्जन भर ट्राली बॉय कार्यरत, फिर भी बना है संकट

एम्बुलेंस कर्मियों की बेमियादी हड़ताल का खामियाजा भुगत रहे रोगी

पूर्णिया. राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में तैनात कर्मियों द्वारा मरीजों को उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधा नाकाफी साबित हो रही है. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण शुक्रवार की दोपहर उस वक्त देखने को मिला जब एक बुजुर्ग व्यक्ति के निधन हो जाने के बाद खुद उसके परिजनों द्वारा मृतक को उठाकर ऑटो में रख कर अपने घर ले जाया गया. मृतक को उठाने वालों में महिलायें भी शामिल थीं जबकि कहते हैं,अस्पताल में दर्जन भर ट्राली बॉय कार्यरत हैं. यह बड़ी विडंबना है कि जिस स्थान पर ऑटो में डेड बॉडी को रखा जा रहा था ठीक उसी जगह जीएमसीएच द्वारा हाल ही में मरीजों और उनके परिजनों की समस्याओं को दूर करने के लिए कमांड एंड कंट्रोल यूनिट का उदघाटन किया गया है. मृतक के एक परिजन ने बताया कि आज ही इलाज के लिए बायसी से बुजुर्ग को जीएमसीएच लाया गया था लेकिन कुछ घंटों बाद उनकी मृत्यु हो गयी. एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल की वजह से मृतक को वापस बायसी ले जाने के लिए निजी एम्बुलेंस की खोज की गयी लेकिन वह भी नहीं मिला जिस वजह से ऑटो का सहारा लेना पडा. वहीं बॉडी को वाहन तक परिवार के ही लोगों ने पहुंचाया.

विगत 18 दिनों से हड़ताल पर हैं एम्बुलेंस कर्मी

इधर अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में जिलेभर में तैनात तमाम सरकारी अस्पतालों के एम्बुलेंसकर्मी 21 अक्टूबर की रात से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. मुख्य रूप से नयी एजेंसी द्वारा एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराए जाने के मामले में इनका समायोजन, श्रम क़ानून के तहत कुशल कर्मियों के अनुसार पेमेंट का निर्धारण एवं जिले में नियुक्ति पत्र प्रदान किये जाने जैसी मांगें शामिल हैं. संगठन के जिलाध्यक्ष मुकेश कुमार ने बताया कि जबतक नयी एजेंसी द्वारा इनकी मांगों पर विचार और समझौता नहीं हो जाता तबतक सभी कर्मी हड़ताल पर रहेंगे. मालूम हो कि जिले में कुल 35 एम्बुलेंस पर लगभग 137 कर्मी तैनात हैं जिनके द्वारा मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सहित अस्पताल व मेडिकल कॉलेज तक की आपात सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इन सभी के हड़ताल पर चले जाने से दूर दराज के मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बोले अधिकारी

आउट सोर्सिंग एजेंसी द्वारा जीएमसीएच में दर्जन भर ट्राली मैन की तैनाती तो हुई है तीनों पाली में रोस्टर वाइज ड्यूटी लगाई जाती है लेकिन उनकी और भी आवश्यकता है. मरीज एवं परिजनों की सहूलियत के लिए ही कमांड एंड कंट्रोल सेवा भी शुरू की गयी है. लोगों को सबसे पहले वहां जाकर अपनी समस्या रखनी चाहिए उनकी समस्या शीघ्र दूर हो जायेगी. सभी के सहयोग से ही निराकरण संभव है.

डॉ. संजय कुमार, अधीक्षक जीएमसीएच

फोटो. 8 पूर्णिया 19- बुजुर्ग मृतक को ऑटो पर रख कर घर ले जाते परिजन

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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