15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सूरत से न किसी खानदान से, पहचान है मेरी तो उर्दू जबान से : डॉ राधेश्याम चौधरी

अंतराष्ट्रीय उर्दू दिवस पर प्रखंड क्षेत्र के कदमा गांव में हल्क-ए-शेरो अदब के द्वारा शनिवार को कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया.

अंतरराष्ट्रीय उर्दू दिवस पर कवि सम्मेलन सह मुशायरे का आयोजन तस्वीर-34 कविता पेश करते कवि प्रतिनिधि, बसंतराय अंतराष्ट्रीय उर्दू दिवस पर प्रखंड क्षेत्र के कदमा गांव में हल्क-ए-शेरो अदब के द्वारा शनिवार को कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया. इसमें बिहार, महागामा, बसंतराय और गोड्डा क्षेत्र के प्रमुख शायर व कवि शामिल हुए. मशहूर शायर सुशील साहिल के संचालन में आयोजित मुशायरा का आगाज नाते-पाक से किया. वहीं मशहूर शायर डॉ राधेश्याम चौधरी ने कुछ यूं कहा ””सूरत से शक्ल से न किसी खानदान से पहचान अगर है मेरी तो उर्दू जबान से”” कहां तहजीब का घरों पर असर इस कदर हुआ बच्चे भी जागने लगे पहली अजान से… इस शेर पर श्रोता खूब वाह-वाह करते नजर आये. कार्यक्रम के संरक्षक कलीमुल्ला परवाना ने पैगाम देते हुए कहा कि सबको पैगाम ए वफा देता है उर्दू दिवस।। हिंदी उर्दू को मिला देता है उर्दू दिवस।। वहीं, जिप सदस्य अरशद वहाब ने कहा कि देश की सांस्कृतिक विकास में उर्दू की अहम भूमिका है. उर्दू भाषा को बिहार और झारखंड राज्य में द्वितीय राजभाषा का दर्जा प्राप्त है. उर्दू भाषा के विकास व प्रचार प्रसार के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. जानकारी हो कि दुनिया समेत भारत में हर साल मशहूर शायर डॉ अल्लामा इकबाल के जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय उर्दू दिवस के रूप में मनाया जाता है. शायर नदीम सरवर और शम्स परवाना व डॉ राधेश्याम चौधरी ने भी एक से बढ़कर एक शेर-ओ-शायरी पढ़ी. खूब वाहवाही बटोरी. मौके पर जावेद इकबाल, फैज उर रहमान, हफीज मकबूल सहित सैकड़ों की संख्या में श्रोता मौजूद थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें