प्रतिनिधि, किशनगंज जिले में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की पहचान और रोकथाम के लिए 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों की स्क्रीनिंग के उद्देश्य से छठे बैच का आवासीय प्रशिक्षण आज सफलतापूर्वक समाप्त हो गया. यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) के तहत आयोजित किया गया, जिसमें आशा कार्यकर्ताओं को कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और लकवा जैसी बीमारियों की पहचान और स्क्रीनिंग के लिए प्रशिक्षित किया गया.
गंभीर बीमारियों की पहचान के लिए विशेष प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को सी-बैक फॉर्म भरने, फैमिली फोल्डर तैयार करने और एनसीडी एप्लीकेशन पर डेटा अपलोड करने का कौशल प्रदान किया गया. गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि, “यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आशा कार्यकर्ताओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिससे वे अपने कार्यक्षेत्र में ग्रामीणों की समय पर स्क्रीनिंग कर सकेंगी और गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम करने में योगदान दे सकेंगी. “
स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण में सहयोग
गैर-संचारी रोग पदाधिकारी डा उर्मिला कुमारी ने आगे कहा कि, “यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल आशा कार्यकर्ताओं के कार्यक्षमता में वृद्धि करेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण भी करेगा. आशा कार्यकर्ता न केवल स्क्रीनिंग करेंगी बल्कि समय रहते मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने में मदद भी करेंगी. ” डॉ. कुमारी ने बताया कि सभी गतिविधियों की नियमित रूप से पोर्टल पर एंट्री करना आवश्यक है ताकि डेटा अद्यतित रहे और मरीजों को सही समय पर इलाज मिल सके.
प्रशिक्षण के उपरांत आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
पांच दिवसीय इस आवासीय प्रशिक्षण के समापन के बाद, प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ता अब अपने-अपने पोषक क्षेत्रों में लोगों की स्क्रीनिंग, पहचान और डेटा एकत्र करने का कार्य आरंभ करेंगी. इस प्रयास से जिले में गैर-संचारी रोगों की रोकथाम को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण संभव हो सकेगा.
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