इन्देश्वरी यादव, भवानीपुर. एकमात्र आपरूपी वराह बाबा का प्रसिद्ध मंदिर भवानीपुर में 1953 से स्थापित है . भवानीपुर बस पडाव से पूरब दिशा में लगभग दो किलोमीटर की दूरी पर इस प्रसिद्ध मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा पर दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं .नेपाल के वराह क्षेत्र के बाद वराह बाबा का यह दूसरा मंदिर है. 1953 में भवानीपुर निवासी हजारी झा का बटाईदार रघुनाथपुर पंचायत के सिंघियान सुन्दर ग्राम का सुखदेव मंडल था. गंगजला नाम से प्रसिद्ध बहियार में खेत जोतने का काम कर रहा था. सहसा हल का फाल एक पत्थर से जा टकराया . हलवाहा हल को आगे बढ़ने का काफी प्रयास किया लेकिन हाल टस से मस नहीं हुआ. इसके बाद कुदाल से मिट्टी हटाना शुरू किया. वह आकृति वाले काले पत्थर को देखकर डर गया. उसने खेत मालिक हजारी झा को सारा वृत्तांत सुनाया. उसके बाद खुदाई करने पर बड़ी आकृति की मूर्ति मिली. उस दिन माघी पूर्णिमा थी. गंगा स्नान कर लौट रहे थे तीर्थयात्रियों ने अपरूपी वराह बाबा के बारे में सुना तो श्रद्धालुओं का हुजूम जमा होने लगा . श्रद्धालु जलाभिषेक के साथ-साथ अगरबत्ती और बेलपत्र चढ़ाने लगे. देखते ही देखते इसकी ख्याति फैल गई. इसके बाद अविलंब मंदिर का निर्माण संपन्न कराया गया. बाद में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर नेपाल के वराह मेला की तर्ज पर यहां भी पूजा अर्चना प्रारंभ कर दी गई . धमदाहा थाना क्षेत्र के चन्दरही निवासी वैशाखी साह एक बार काफी बीमार हो गये.वराह बाबा के आशीर्वाद से वह पूर्ण रूपेण स्वस्थ हो गये . पूर्ण रूपेण स्वस्थ होने पर 1975 ईस्वी में मंदिर निर्माण के लिए नींव खोदने के क्रम में छोटे बड़े चौड़े आकार के अनेक पत्थर नक्काशीदार आकृतियां युक्त मिलीं .एक हिरण के शक्ल वाला पत्थर भी मिला. इसे हजारी झा ने मंदिर में जगह दी. आज भी स्वर्गीय हजारी झा के वंशज अपने निजी कोष से मेला लगाते हैं जिसमें सूर्य नारायण झा, गणेश झा, नवीन झा, राजा झा, परशुराम झा, शालिग्राम झा, यशोधर झा, निरंजन झा, बैद्यनाथ झा सुबोध झा एवं विपिन झा मेला व्यवस्था में लगे रहते हैं. थानाध्यक्ष सुनील कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी आलोक कुमार शर्मा, अंचलाधिकारी ईशा रंजन ने बताया कि प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्य मेला लगेगा जिसमें शांति व्यवस्था के लिए पुलिस पदाधिकारी दंडाधिकारी एवं महिला पुरुष बल की तैनाती होगी. मेला से 1 किलोमीटर पहले चारों ओर बेरिकेटिंग की जायेगी. फोटो — 10 पूर्णिया 10-वराह बाबा का मंदिर 11- मंदिर के अंदर स्थापित आपरूपी वराह बाबा
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