Revised Jharia Master Plan: केंद्रीय मंत्रिमंडल संशोधित झरिया मास्टर प्लान (JMP) के प्रस्ताव को मंजूरी दे सकता है. संशोधित जेएमपी का प्रस्ताव जल्द ही मंत्रिमंडल की ओर से पारित हो सकता है. बता दें, धनबाद में आग, भू-धंसान और पुनर्वास मामले को लेकर झरिया मास्टर प्लान को केंद्र ने साल 2009 में मंजूरी दी थी. इस योजना को दो साल में शुरू करके अगले 10 साल में लागू किया जाना था. इसपर कुल 7 हजार 112 करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश का अनुमान था. इसकी समय सीमा 2021 में खत्म हो गई. इसके बाद इसे नहीं बढ़ाया गया. इसके कारण पुनर्वास के काम ठप हो गया.
जेएमपी को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मिल सकती है मंजूरी
सूत्रों के हवाले से खबर है कि संशोधित झरिया मास्टर प्लान को जल्द ही मंत्रिमंडल मंजूरी दे सकता है. पुनर्वास के पहले चरण में उन जगहों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां तत्काल में ज्यादा खतरा है. उसके बाद कम जोखिम वाले और कम खतरनाक स्थानों का पुनर्वास किया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक संशोधित जेएमपी के तहत कोल इंडिया हर साल 500 करोड़ रुपये की सहायता देगी. साथ ही सीआईएल और इसकी सहायक कंपनी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) आग लगने की घटनाओं से निपटेगी.
पीएम मोदी ने दिया कार्य योजना बनाने का निर्देश- केंद्रीय कोयला मंत्री
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को एक समारोह के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि झरिया मास्टर प्लान बीते दो सालों से लंबित है. इस विषय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापक कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. रेड्डी ने कहा कि वो खुद झरिया खनन क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं. आम लोगों और जनप्रतिनिधियों से भी मुलाकात की है. हम इस पर कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं और जल्द ही कैबिनेट नोट को अंतिम रूप दिया जाएगा.
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जे किशन रेड्डी ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद जेएमपी के क्रियान्वयन पर काम शुरू हो जाएगा. वहीं, बीसीसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक समीरन दत्ता ने इससे पहले कहा था कि योजना का पहला चरण पूरा हो चुका है. करीब 2800 परिवारों को सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया है. आग वाले क्षेत्र में पुनर्वास के लिए 33 हजार घर पहले ही बनाए जा चुके हैं. भाषा इनपुट के साथ