23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Vivah Muhurat 2024: सर्वार्थ सिद्धि योग में आज देवोत्थान एकादशी, 118 दिन बाद गूंजेगी शहनाई और होंगे मांगलिक कार्य

Vivah Muhurat 2024: देवोत्थान एकादशी के दिन श्रद्धालु तुलसी विवाह पर्व मनाएंगे. देवोत्थान एकादशी के बाद 18 नवंबर से शादी-ब्याह आरंभ होने के साथ शहनाई बजेगी. इस बार नवंबर और दिसंबर में शादियों के कुल 18 शुभ मुहूर्त पड़ रहे हैं.

Vivah Muhurat 2024: मुंगेर. कार्तिक शुक्ल एकादशी मंगलवार को देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार मास बाद योग निद्रा से जागृत होंगे. देवोत्थान एकादशी के दिन श्रद्धालु तुलसी विवाह पर्व मनाएंगे. भगवान श्रीहरि के योग निद्रा से जागृत होने के बाद चातुर्मास का समापन होने के साथ मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएगा, क्योंकि बीते चार मास से मांगलिक कार्य पर विराम लगा हुआ है.

आज सर्वार्थ सिद्ध योग में देवोत्थान

पंडित प्रमोद मिश्रा ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली दूसरी एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है. इस बार देवउठनी एकादशी का व्रत मंगलवार को रखा जायेगा. यह एकादशी बेहद महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु चार माह तक सोने के बाद जागते हैं. इन चार महीनों में भगवान विष्णु के सोने या कहें देव शयन के कारण सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. भगवान विष्णु के पुन: जागने के बाद ही सभी मांगलिक कार्य संपन्न हो पाते हैं.

देव जागरण या उत्थान होने के कारण इसको देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं. इस दिन उपवास रखने और कथा सुनने का विशेष महत्व है. इस बार कार्तिक माह की एकादशी 11 नवंबर को शाम के 6:46 बजे से लेकर 12 नवंबर को शाम 04:04 बजे तक रहेगी. ऐसे में 12 नवंबर को उदय तिथि में होने के कारण देवउठनी एकादशी का व्रत इसी दिन रखा जायेगा. वहीं इसका पारण 13 नवंबर को सुबह 6:42 बजे से 8:51 बजे के बीच किया जायेगा.

Also Read: Vivah Muhurat 2024: चार माह से बंद पड़े मांगलिक कार्य शुरू, जानें बनारसी और मिथिला पंचाग के अनुसार विवाह मुहूर्त

आरंभ होंगे शुभ कार्य

देवोत्थान एकादशी के बाद 18 नवंबर से शादी-ब्याह आरंभ होने के साथ शहनाई बजेगी. 12 नवंबर मंगलवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष में देवोत्थान एकादशी के दिन हर्षण व सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बना रहेगा. घरों से लेकर मंदिरों में भगवान विष्णु शंख, डमरू, मृदंग, झाल और घंटी बजा कर योग निद्रा से जागृत किया जायेगा. इस दिन वैष्णव जन व साधु-संत एकादशी का व्रत करेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने से घरों में भगवान विष्णु व मां लक्ष्मी का वास हाेने के साथ अकाल मृत्यु नहीं होती. एकादशी के दिन घरों से लेकर मंदिरों में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर श्रद्धालु परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना करेंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें