प्रतिनिधि, नयानगर ध्यान से परमात्मा की प्राप्ति संभव है. इससे पाप का नाश होता है. जीवन चक्र में संचित पाप को ध्यान के माध्यम से मिटाया जा सकता है. ध्यान के बाद अंदर से अग्नि प्रज्वलित होगी, जो संचित पाप को जलाकर भस्म कर देगी. सत्संग सुनने से मानव का कल्याण होता है. सत्संग के प्रभाव से मनुष्य में सत्कर्मों को अपनाने की प्रवृति जागृत होती है. उन्होंने कहा अच्छे कर्मों से अच्छा तथा बुरे कर्मों से बुरा फल प्राप्त होता है. इसलिये हर मनुष्य को बुरे कर्मों का त्याग कर अच्छे कर्म करना चाहिए. उपरोक्त बातें सोमवार को शाहजादपुर पंचायत के गौसाई टोला शेखपुर चमन के निवासी पूर्व अध्यक्ष सह जीप सदस्य सुनीला देवी व मनोज यादव के आवास पर एक दिवसीय महर्षि मेंही संतमत सत्संग के दौरान ब्रह्मर्षि स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने कही. आयोजित संतमत-सत्संग के दौरान स्वामी चतुरानंद जी महाराज को पूर्व अध्यक्ष सह जीप सदस्य सुनीला देवी ने माला पहनाकर स्वागत किया. वही मंच पर विराजमान पूज्य स्वामी प्रेमानंद महाराज,लाल जी महाराज, साही शरण जी महाराज, विप्रानन्द जी महाराज व अन्य महात्माओं को माल्यार्पण किया. ब्रह्मर्षि स्वामी चतुरानंद जी महाराज ने कहा ज्ञान दो प्रकार का होता है. शरीर के साथ आत्मा जो वास करती है. वही भौतिक ज्ञान होता है. शरीर ओर इंद्रियों को छोड़कर उसे आध्यात्मिक ज्ञान होता है. उन्होंने ध्यान योग की चर्चा करते हुए कहा कि मन काफी चंचल होता है. मन विषय की तरफ भागता है, जिसे नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए. निरंतर अभ्यास से दुर होती है मन की चंचलता इसलिये एकाग्रचित होकर ध्यानाभ्यास किया जाता है. संतमत सत्संग आयोजित सत्संग ज्ञान यज्ञ में स्वामी प्रेमानंद जी महाराज ने भी सत्संग की महिमा पर प्रकाश डाला. लोगों को संतमत के बतलाये मार्ग को अपने जीवन में अनुसरण करने की बात कही. प्रातः कालीन तथा सांध्य कालीन सत्र में स्तुति विनती, प्रार्थना, कीर्तन भजन व प्रवचन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मौके पर रामोतार यादव, शुभाष मिस्त्री, केदार यादव, शशिभूषण यादव, ध्रुव झा, सुशील यादव आदि उपस्थित थे.
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