धर्मो रक्षति रक्षितः ग्रन्थ से मैथिली भाषा को मिलेगा बढावा: डीआइजी
इस दौरान अतिथिगण आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र रचित ग्रंथ धर्मो रक्षति राक्षतः का लोकार्पण किया. इससे पूर्व कार्यक्रम के आयोजन अमरनाथ मिश्र उर्फ महाराज जी एवं आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने आगत अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र पाग तथा पंडित त्रिलोक नाथ मिश्र स्मृति प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया. इस दौरान न्यायाधीश संजय प्रसाद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मिथिला की संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए इस तरह के कार्यक्रम होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां धर्म है वहां विजय है. कोसी रेंज के डीआईजी मनोज कुमार ने आचार्य धर्मेंद्र नाथ द्वारा रचित इस ग्रंथ की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैथिली भाषा को बढ़ावा देने के लिए किया गया. इनका प्रयास अनुकरणीय है. इस तरह के पुस्तक के अध्ययन से लोगों में अपनी लोक संस्कृति एवं मातृभाषा के प्रति प्रेम बढ़ेगा. इस दौरान आचार्य धर्मेंद्रनाथ मिश्र ने इस ग्रंथ की व्याख्या करते हुए कहा कि इस ग्रंथ का अर्थ यह है कि जो धर्म की रक्षा करेगा. धर्म उसकी रक्षा करेगा. उन्होंने कहा कि संस्कृत मूल एवं मैथली में अनुवादित इस ग्रंथ को बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है. कार्यक्रम को बिहार तथा पड़ोसी राष्ट्र नेपाल से आए विद्वत जनों ने भी संबोधित किया. कार्यक्रम में मंच संचालन किशले कृष्ण ने किया. इस अवसर पर नेपाल के करूणा झा, वीरपुर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.
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