जारी(गुमला).
मतदान केंद्र तक जाने के लिए सड़क नहीं है. उबड़-खाबड़ सड़क में वृद्ध बूथ तक नहीं पहुंच सकते. इसलिए ग्रामीणों ने मतदान केंद्र तक जाने के लिए दो किमी तक कच्ची सड़क श्रमदान कर बनायी, जिससे एक दर्जन गांव के लोग आसानी से मतदान केंद्र तक पहुंच कर वोट डाल सके. रेंगारी गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने रेंगारी से करमटोली गांव तक दो किमी सड़क बनायी है. बता दें कि करमटोली से रेंगारी गांव जाने के लिए राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बाइक किसी तरह गांव तक जा सकती है. लेकिन बड़े वाहन गांव तक नहीं जा सकती है. वहीं 13 नवंबर को चुनाव भी है. चुनाव को देखते हुए रेंगारी गांव के ग्रामीण एकजुट होकर बैठक कर सड़क बनाने का निर्णय लिया. सड़क बनने से गांव के बूड़े-बुजुर्ग लाठी टेकते हुए बूथ जाकर मतदान अब कर सकते हैं.कुदाल व कड़ाही लेकर सड़क पर उतरे लोग और देखते ही देखते बन गयी सड़क :
गांव के सामुएल मिंज, दीप कुजूर, पीयूष कुजूर, तेलेस्फोर बेक, एरेनियुस बड़ा, तोफिल कुजूर, संजीत कुजूर, बसंती बेक, शांता कुजूर, अंजू कुजूर ने बताया कि कई बार विधायक, सांसद, बीडीओ, मुखिया समेत प्रशासन को लिखित रूप से सड़क बनाने की मांग करते हुए आवेदन दिया गया था. लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. चुनाव आते बड़े-बड़े वादे कर गांव से चले जाते हैं. चुनाव जीतते गांव के लिए कुछ नहीं करते हैं. प्रशासन व नेताओं की बेरुखी के बाद ग्रामीणों ने बैठक कर निर्णय लिया कि प्रत्येक घर से 200 रुपये चंदा कर करमटोली से रेंगारी गांव तक की सड़क बनायी जायेगी. इसके बाद सोमवार को ग्रामीण कुदाल व कड़ाही लेकर सड़क पर उतरे और देखते ही देखते सड़क बना दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है