Immigration Policy: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई सरकार के लिए नियुक्तियां शुरू कर दी हैं, और ये नियुक्तियां इमिग्रेशन पर सख्त नीतियों की ओर इशारा कर रही हैं. इन नीतियों का असर अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले और वर्क वीजा पर वहां रह रहे भारतीयों पर हो सकता है. ट्रंप ने हाल ही में इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) के पूर्व प्रमुख टॉम होमन को “बॉर्डर जार” नियुक्त किया है, जो सीमाओं की सुरक्षा और निर्वासन के काम की देखरेख करेंगे. होमन ने अब तक का सबसे बड़ा निर्वासन अभियान चलाने का संकल्प लिया है. इससे भारतीय नागरिकों की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि हाल के वर्षों में भारत, खासकर गुजरात और पंजाब से अमेरिका में प्रवेश के लिए अनधिकृत रास्तों का इस्तेमाल बढ़ा है.
इसके साथ ही, ट्रंप ने स्टीफन मिलर को नीति निर्माण के लिए डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ नियुक्त किया है. मिलर की पहचान अवैध और वैध इमिग्रेशन पर कड़े कदमों के समर्थक के रूप में होती है. उनके पहले कार्यकाल में H-1B वीजा अस्वीकृतियों में वृद्धि हुई और H4 EAD नवीनीकरण में देरी हुई थी, जिससे भारतीय परिवार प्रभावित हुए थे. मिलर के फिर से सत्ता में आने से वीजा धारकों के लिए चिंताएं बढ़ रही हैं, और इमिग्रेशन वकील भी उनके संभावित कड़े नीतियों को लेकर सतर्क हैं.
होमन की पहले की नीतियां, जैसे परिवार अलगाव नीति, भी काफी विवादास्पद रही हैं. वहीं मिलर ने कंपनियों पर भी सख्त नजर रखने का संकेत दिया है, जो बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को काम देती हैं. अगर इस प्रकार की कार्रवाई होती है तो इससे भारतीय और अन्य अप्रवासी कर्मचारियों पर असर पड़ सकता है.