Bihar News: पूर्णिया. मौसम में परिवर्तन के साथ ही लोग वायरल सहित अन्य बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. इसमें खासकर बुजुर्गों और बच्चों की संख्या ज्यादा है. सुबह में हल्की ठंड और दिन में गर्मी रहने से लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है. सरकारी व निजी अस्पताल व नर्सिंग होम में इन दिनों वायरल फीवर के केस बढ़ते जा रहे हैं. चिकित्सकों की मानें तो इन दिनों अस्पताल में सभी उम्रवर्ग के बच्चों में सर्दी खांसी के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है.
बच्चे व बुजुर्गों पर रखें विशेष नजर
जीएमसीएच के चिकित्सकों का कहना है कि मौसम को लेकर लापरवाही बरतने वाले ज्यादातर लोग बीमार पड़ रहे हैं. हालांकि सबसे ज्यादा दिक्कत बच्चों को हो रही है. इस कारण सर्दी, खांसी, जुकाम और फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. बदलते मौसम में बच्चे एवं बुजुर्गों का उचित देखभाल नहीं होने से बहुत ही जल्द खांसी, जुकाम की चपेट में आ जाते हैं इसीलिए बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है उनको सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार जैसी बीमारियां बहुत ही जल्द हो जाती है. रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए पौष्टिक और ताजा भोजन पर ध्यान दिया जाना बेहद जरुरी है. इसके अलावा विटामिन डी और सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू का सेवन सर्दी में जरूर करना चाहिए.
खानपान में न बरतें लापरवाही
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल परिसर स्थित विशेष शिशु गहन इकाई के प्रभारी डॉ. प्रेम का मानना है कि बदलते मौसम में शिशुओं की ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि नवजात शिशु अपने शरीर का तापमान अच्छे ढंग से नियंत्रित नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें बहुत जल्दी सर्दी या गर्मी लग सकती है. दिन के समय थोड़ी गर्मी रहती है तो रात को मौसम ठंडा हो जाता है. ऐसे में खानपान और रहन सहन में जरा सी लापरवाही लोगों को बीमार कर रही है. इन दिनों सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों में जलन, पेट दर्द जैसी बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं. जिले के विभिन्न अस्पतालों में आने वाले अधिकांश मरीज खांसी, जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं.
खास बातें
- बच्चे एवं बुजुर्गों का ठंडे पेय पदाथों का सेवन नहीं करना चाहिए.
- ज्यादा तैलीय खाद्य पदार्थों से परहेज करें.
- रात्रि के समय पंखे, कूलर या एसी के प्रयोग से बचने का प्रयास करें.
- नवजात शिशुओं को अधिक से अधिक स्तनपान कराएं.
- बच्चों को पानी उबालकर या फिल्टर का देना चाहिए.
- छोटे बच्चे के गीले कपड़े समय-समय पर बदलते रहें.