कटिहार. बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ आरके सोहाने ने कृषि विज्ञान केंद्र कटिहार द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों का स्थलीय समीक्षा की. इस क्रम में वे सबसे पहले फलका प्रखंड के भंगहा गांव में कृषक प्रक्षेत्र पर परीक्षण में केला की फसल का निरीक्षण किये. जहां उन्होंने केला की फसल में पनामा विल्ट की रोकथाम के लिए सबौर ट्राईकोडर्मा एवं फुसिकोंट के प्रक्षेत्र का निरीक्षण किया. साथ ही उपस्थित किसानों के साथ इस बीमारी की रोकथाम पर चर्चा की. इसके बाद वे बखरी गांव पहुंचे. जहां उन्होंने पंचलाल मंडल द्वारा प्राकृतिक खेती के प्रत्यक्षण प्लॉट का निरीक्षण किया. इसके बाद वे कोढा प्रखंड के मूसापुर गांव में जल जीवन हरियाली कार्यक्रम अंतर्गत अजीम के प्रक्षेत्र में जीरो टिलेज द्वारा गेहूं की एचडी 2967 किस्म की रोपाई का निरीक्षण किया. इसके बाद वे बहरखाल गांव पहुंचे. जहां उन्होंने आलू की फसल में करेला एवं परवल की मिश्रित फसल का एवं मेढ़ पर बोई गयी मक्का की फसल का निरीक्षण किया. इस दौरान उपस्थित किसानों ने जल जीवन हरियाली कार्यक्रम से हो रहे फायदों के संबंध में डॉ आरके सोहने को अवगत कराया. मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र, कटिहार के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ कुमारी शारदा एवं कृषि वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार सिंह, पंकज कुमार, बीसा समस्तीपुर से हब कोडीनेटर सुबयान दास मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है