Parenting Tips: आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में माता-पिता अपने बच्चों के साथ समय नहीं बिता पाते, जिससे बच्चे अनुशासन नहीं सीख पाते हैं, अगर आपके बच्चे भी आपकी बात नहीं मानते हैं , तो इस लेख में आपको यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि कैसे आप बिना डांट और मार के अपने बच्चों को अनुशासन का पाठ पढ़ा सकते हैं. आजकल ज्यादातर माता-पिता अपनी बात मनवाने के लिए अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं या उन पर हाथ उठाते हैं जिससे बच्चों के कोमल मन पर बुरा असर होता है और कई बार बच्चे सुधारने की जगह और ज्यादा जिद्दी हो जाते हैं.
खुद उदाहरण बनें
बच्चों को अनुशासन में रखने से पहले आपको खुद अनुशासन का पालन करना होगा. ऐसा देखा गया है कि जो बच्चे प्यार भरे वातावरण में बड़े होते हैं, उनका दिमाग अन्य बच्चों की तुलना में अधिक क्रिएटिव होता है.
शांतिपूर्ण बातचीत करें
बच्चों के साथ प्यार भरे और शांत तरीके से बात करें, उनकी भावनाएं समझने की कोशिश करें और उन्हें आराम से अपनी बातें समझाइए. इससे आपका बच्चा भावनात्मक रूप से मजबूत होगा. अगर आप शांतिपूर्ण तरीके से बच्चे को अनुशासन का महत्व समझाते हैं, तो वो इस गुण को आसानी से अपना पाएगा.
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नियम बनाएं और उन्हें स्पष्ट करें
बच्चों को बताएं कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है. अपने बच्चों के साथ नियमों को लेकर स्पष्ट रहें.
चीजों का महत्व समझाएं
बच्चों को गलती करने पर उन्हें मारने-पीटने की बजाए उन्हें गलती के दुष्परिणाम से अवगत कराएं और सही चीजों का महत्व बताएं.
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आत्मनिर्भर होने की प्रेरणा दें
बच्चों को अपने छोटे- मोटे कार्य खुद से करने की छूट दें. उन्हें अपनी चीजें खुद पसंद करने की छूट दे ताकि वे आपके सामने खुलकर अपनी बात रख सकें.
सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करें
कभी भी अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से न करें सभी बच्चे का अपना अलग व्यक्तित्व होता है ऐसे में उन्हें तुलना करने की बजाए सकारात्मक चीजों के लिए प्रोत्साहित करें.