मुंगेर. देवोत्थान एकादशी का त्योहार मंगलवार को पूरी श्रद्धा-भक्ति के साथ मनाया गया. इस दौरान पर शहर के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान को उमड़ पड़ी. गंगा घाटों पर महिलाओं ने विधि-विधान से भगवान विष्णु के जागरण को लेकर पूजा-अर्चना की. बताया गया कि देवोत्थान एकादशी पर भगवान विष्णु चार मास के बाद अपनी निंद्रा से जागे. मंगलवार की सुबह शहर के कष्टहरणी घाट, सोझी घाट, बबुआ घाट, जहाज घाट आदि जगहों पर गंगा स्नान को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. इसमें महिलाओं की संख्या अधिक रही. वहीं गंगा स्नान के बाद घाटों पर महिलाओं ने श्रद्धा पूर्वक विधि-विधान से पूजा की. इसके साथ ही अपने परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद मांगा. संध्याकाल में श्रद्धालुओं ने अपने-अपने घरों में भगवान विष्णु का अह्वान किया तथा उनकी पूजा-अर्चना की. पूजन के दौरान मंत्रोच्चारण व शंख की ध्वनि से वातावरण गूंजायमान हो उठा. सूर्योदय से पूर्व उठकर कई श्रद्धालुओं ने निर्जला व्रत का संकल्प लिया तथा सूर्योदय के समय सूर्य देवता को अर्घ दिया. संध्याकाल में शालिग्राम रूपी भगवान विष्णु की पूरे विधि-विधान से पूजा की गयी. इसके साथ ही उन्हें शकरकंद, सुथनी, केला, पानीफल, गन्ना सहित अन्य नवैद्य चढ़ाये गये. पूजन के बाद कई जगहों पर तुलसी विवाह भी संपन्न हुआ. मान्यता है कि जब श्री हरि जगते हैं तो वे पहली प्रार्थना हरिवल्लभा तुलसी की ही सुनते हैं. हालांकि यहां तुलसी के माध्यम से श्री हरि का आह्वान किया जाता है. कई जगहों पर रात्रि में भक्ति जागरण का आयोजन भी किया गया. व्रत का पारण द्वादशी के दिन बुधवार को किया जायेगा.
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